Edited By vinod kumar, Updated: 05 Apr, 2020 07:58 PM
भिवानी से 10 किलोमीटर दूर गांव बामला की दो बहनें इन दिनों काफी चर्चाओं में है। हो भी क्यों न दोनों बहनें ऐसा समाज सेवा का काम जो कर रही है। कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। हर कोई कोरोना के खिलाफ अपने तरीके से जंग लड़ रहा है।
भिवानी(अशाेक): भिवानी से 10 किलोमीटर दूर गांव बामला की दो बहनें इन दिनों काफी चर्चाओं में है। हो भी क्यों न दोनों बहनें ऐसा समाज सेवा का काम जो कर रही है। कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। हर कोई कोरोना के खिलाफ अपने तरीके से जंग लड़ रहा है।
बामला की दोनों बहनें यूं तो पेशे से शिक्षक हैं, लेकिन लॉकडउन में दोनों बहनें अस्पताल के लिए मास्क व डॉक्टर के लिए टोपी बना बना कर दे रही हैं। वह भी पूर्ण मानकों सहित। सबसे अच्छी बात है कि स्नेहलता के 9 बहन भाई है जो कि सभी इन दिनों किसी न किसी रूप में देश की सेवा में लगे हुए हैं। दोनों बहनें स्नेहलता व हेमलता है। स्नेहलता सरकारी सेवा में प्राध्यापक है तो हेमलता निजी स्कूल में अध्यापक है।
लाॅडाउन के बाद दोनों बहनें घर में ही है, तब खबरे आनी शुरू हुई कि मास्क की काला बाजारी जम कर हो रही हैं। लोगों को मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे है। इसके बाद स्नेहलता जो कि अम्बाला के सरकारी स्कूल में प्राध्यापिका है उनके मन में विचार आया क्यों न देश की सेवा की जाए। उनके घर में नये सफेद कुर्ते व पायजामे के कपड़े पड़े थे। उन्होंने वे कपड़े इस्तमाल में लिए और मास्क बनाने शुरू कर दिए।
मास्क अच्छे बने और उन्होंने वे गांव से ले जाकर सिविल अस्पताल में दे दिए। अस्पताल वालों को भी वे मास्क अच्छे लगे। ये सिलसिला यूं ही चलता रहा और उन्होंने ओर अधिक मास्क बनाए। घर में ही सिलाई मशीन पर प्रतिदिन ये मास्क बनाने का कार्य दोनों बहनों ने करना शुरू कर दिया। उनके बड़े भाई ये बने हुए मास्क गांव से सिविल अस्पताल तक दे कर आते है।
स्नेहलता का कहना है कि इस तरह से मास्क बनाने के बाद डॉक्टन ने कहा कि उन्हें अब मास्क की नहीं टोपी की आवश्यकता है, तो फिर वे टोपी बना कर देने लगी। काफी टोपियां उन्होंने बनाई और अस्पताल में दी। सनहेलता कि माने तो देश सेवा बॉर्डर पर खड़े रहकर ही नहीं होती बल्कि देश के लिए काम कर कर भी होती है। अब तो समय भी ऐसा है कि इस तरह की सेवा दूसराें के लिए काम आ सकती है।
वहीं उनकी छोटी बहन हेमलता व मां का भी यही कहना है कि स्नेहलता के साथ हाथ बटा रही हैं। उनका कहना है कि ये समय कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने का है। इसलिए वे घर में बैठ कर जंग लड़ रही है और अपने देश के डॉक्टर के लिए मास्क व टोपी बना कर दे रही है। ये कला जीवन नाम से एक संस्था चला रही है। दोनों बहनों द्वारा किया गए इस पुनीत कार्य की चारों ओर चर्चा हो रही है। हर कोई इनके कार्यो काे सराह रहा है।