Edited By Shivam, Updated: 29 Aug, 2019 03:06 PM
सोनीपत एसटीएफ ने पिछले दिनों एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जोकि चोरी की फॉच्र्यूनर जैसी महंगी कारों को सस्ते दाम में बेचते थे। इस गिरोह में आरटीओ ऑफिस में कार्यरत दो कर्मचारी भी शामिल हैं, जो कार चोरों की भली भांति मदद करते थे। फिलहाल, एसटीएफ इस...
सोनीपत(पवन राठी): सोनीपत एसटीएफ ने पिछले दिनों एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जोकि चोरी की फॉच्र्यूनर जैसी महंगी कारों को सस्ते दाम में बेचते थे। इस गिरोह में आरटीओ ऑफिस में कार्यरत दो कर्मचारी भी शामिल हैं, जो कार चोरों की भली भांति मदद करते थे। फिलहाल, एसटीएफ इस मामले में जांच जारी रखे हुए है, जांच में आरटीओ ऑफिस के पूर्व बड़े अधिकारियों को भी रडार पर रखा गया है।
आरटीओ कर्मी का होता था अहम रोल
जांच में सामने आया कि गिरोह के कुछ सदस्य फॉच्र्यूनर जैसी महंगी कारों को चोरी करते थे। जिन्हें वे लेकर सीधा आरटीओ ऑफिस पहुंचते। यहां पर जो कर्मचारी एसडीएम कार्यालय में कार्यरत होते वे गाड़ी का नया रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर देते, जिससे कार का असली मालिक उसे कभी भी ढूढ़ नहीं सकता था। एसटीएफ ने जिन दो कर्मियों को गिरफ्तार किया है, वे इस काम के एवज में 50,000 रूपये प्रति एक कार का लेते थे।
तीस लाख की कार 50 हजार में तैयार
बता दें कि फॉच्र्यूनर जैसी लक्जरी कारों का दाम भारत में लगभग 30 लाख के आसपास होता है। लेकिन अगर यही कार इन चोरों के हत्थे चढ़ी तो समझिए कि आरटीओ ऑफिस पहुंची। यहां भ्रष्ट कर्मचारियों की मदद से केवल 50 हजार देकर ही कार को नई बना लिया जाता है। जिसके बाद चोरों का गिरोह सस्ते दामों में इसे बेच देता है।
एसटीएफ के डीएसपी रविन्द्र कुंडू ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी संदीप कुमार दादरी ट्रैफिक इंचार्ज, बेरी एसडीएम कार्यालय में कार्यरत सुंदर और मुकेश है। इन तीनों आरोपियों के तार हरियाणा में लग्जरी गाड़ी चुराकर उनको नया रजिस्ट्रेशन नंबर देने की एवज में 50,000 लेते थे। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का भंडाफोड़ करने से पहले इन तीनों को सोनीपत एसटीएफ ने अपनी रडार पर ले रखा था। यह तीनों अपने कार्यालय से फरार थे, लेकिन अब यह तीनों सोनीपत एसटीएफ की गिरफ्त में है।
इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद एक सवाल उठना लाजमी है कि जब ये तीनों चोरी की गई गाडिय़ों के इस तरह नम्बर अलॉट कर रहे थे। तब किसी आला अधिकारी को इनके कारनामे की भनक तक नहीं लगी। ऐसा कैसे सम्भव है?
जांच अधिकारियों के मुताबिक, सोनीपत एसटीएफ दादरी के तत्कालीन एडीसी और बेरी के तत्कालीन एसडीएम एसटीएफ रडार पर हैं। आने वाले समय में एसटीएफ उनसे भी पूछताछ कर सकती हैं। फिलहाल, गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि इनसे अन्य मामले उजागर हो सकें।