हरियाणा में तम्बाकू नियंत्रण नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां

Edited By Deepak Paul, Updated: 15 Jul, 2018 10:08 AM

tobacco control regulations open in haryana

हरियाणा में तम्बाकू नियंत्रक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। सूत्रों की मानें तो हाल ही में एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा हरियाणा के 2 जिलों में किए सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है कि राज्य में तम्बाकू का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।...

चंडीगढ़(अर्चना): हरियाणा में तम्बाकू नियंत्रक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। सूत्रों की मानें तो हाल ही में एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा हरियाणा के 2 जिलों में किए सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है कि राज्य में तम्बाकू का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। स्कूलों के दरवाजे पर ही वैंडर्स सिगरेट, बीड़ी व तम्बाकू के उत्पाद मजे से बेच रहे हैं और उन पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। पी.जी.आई. चंडीगढ़ और जैनरेशन सेवियर एसोसिएशन द्वारा अम्बाला और कुरुक्षेत्र जिलों में कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स) एक्ट के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण नियमों के लागू होने की स्थिति का जायजा लिया गया और पाया कि दोनों जिलों की स्थिति बेहाल है। पिछले 6 महीनों के दौरान किए सर्वे बताता है कि अम्बाला और कुरुक्षेत्र के स्कूलों के बाहर 100 मीटर के दायरे में सिगरेट, बीड़ी व तम्बाकू की खूब बिक्री हो रही है।

 स्कूल से लेकर जिला प्रबंधन इस दिशा की ओर ध्यान नहीं दे रही है जबकि हाल ही में ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे सिस्टम में यह साफ-साफ कहा गया है कि हरियाणा 5 साल की उम्र के बच्चे बीड़ी पीना सीख लेते हैं और 15 साल की उम्र तक 4.4 प्रतिशत बच्चे सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं। पी.जी.आई. सर्वे रिपोर्ट यह भी कहती है कि स्कूलों के बाहर तम्बाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए किसी किस्म के बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। 

जबकि नियम कहते हैं कि बोर्ड पर यह लिखा जाना भी जरूरी है कि स्कूल के 100 मीटर के दायरे के बीच सिगरेट, बीड़ी व तम्बाकू बेचने वाले पर कार्रवाई और 200 रुपए का जुर्माना किया जाएगा। अम्बाला और कुरुक्षेत्र में किए सर्वे में सामने आया है कि जिलों में सिगरेट व तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों पर लोगों को सावधान करने के लिए किसी तरह के पोस्टर नहीं लगाए गए। 

दोनों जिलों में लोग सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीते हुए पाए गए हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल, विभिन्न कार्यालयों में अधजली सिगरेट, एशट्रे इत्यादि मिले हैं। सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट सेवन की पाबंदी की वजह यह है कि सिगरेट पीने वालों की वजह से पास से गुजरने वाले लोग तम्बाकू के धुएं से दूर रहें। ग्लोबल सर्वे के आंकड़े कहते हैं कि भारत में 10 प्रतिशत लोगों की मौत तम्बाकू का सेवन करने की वजह से नहीं बल्कि दूसरे लोगों द्वारा पी गई सिगरेट का धुआं था।

हरियाणा के 39.1 प्रतिशत युवा तम्बाकू की चपेट में
ग्लोबल सर्वे रिपोर्ट कहती है कि हरियाणा के 39.1 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं। राज्य के 35.3 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर हर रोज तम्बाकू का सेवन करते हैं। 3.9 प्रतिशत लोग कभी कभार तम्बाकू का सेवन करने वालों में आते हैं, जबकि उधर पंजाब के 25.3 प्रतिशत, चंडीगढ़ के 23.3 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश के 30.4 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं। रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा के 33.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। 

4.8 प्रतिशत लोग सिगरेट, 26.6 प्रतिशत लोग बीड़ी, 0.3 प्रतिशत सिगार, 12 प्रतिशत लोग हुक्का का सेवन करते हैं। आंकड़े यह भी कहते हैं कि हरियाणा की 6.3 प्रतिशत महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। 4.9 प्रतिशत महिलाएं नियमित तौर पर तम्बाकू ग्रहण करती हैं जबकि 1.5 प्रतिशत महिलाएं कभी कभार तम्बाकू का सेवन करती हैं। जैनरेशन सेवियर एसोसिएशन की प्रभारी ओपिंद्र कौर का कहना है कि हरियाणा सरकार स्कूल के बच्चों को तम्बाकू उत्पादों के इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभावों के बाबत जागरूक कर रही है। स्कूलों के बाहर बिकने वाले तम्बाकू उत्पादों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। राज्य के सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट के सेवन को भी रोका जाएगा। 
 

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