Edited By Shivam, Updated: 27 Apr, 2018 06:07 PM
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में गर्भवती महिला का इलाज करने के बजाय उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली के लिए रेफर करने और इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला अस्पताल की तीन महिला डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं निलंबित डॉक्टरों ने सीएमओ और...
गुरूग्राम(सतीश): गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में गर्भवती महिला का इलाज करने के बजाय उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली के लिए रेफर करने और इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला अस्पताल की तीन महिला डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं निलंबित डॉक्टरों ने सीएमओ और पीएमओ पर इंटरनल पोलिटिक्स का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, पटौदी के दौलताबाद गांव के रहने वाले जयदेव अपनी पत्नी सोनिया को लेकर बुधवार सुबह जिला अस्पताल आए थे। सात माह की गर्भवती सोनिया प्रसव पीड़ा से परेशान थी। डॉक्टरों ने गायनी वार्ड में दो घंटे तक सोनिया को रखा फिर उसे सफदरजंग अस्पताल के लिए यह कहते हुए रेफर कर दिया था कि महिला की हालत गंभीर है। सोनिया ने एंबुलेंस में बैठते ही बच्चे को जन्म दिया था, जिसकी कुछ मिनट बाद ही मौत हो गई थी।
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मीडिया में मामला आने के बाद जिला प्रशासन ने एक इंटरनल इंक्वायरी की। रिपोर्ट में महिला डॉ. ज्योति डबास, डॉ. हरप्रीति व डॉ. अक्षिता की लापरवाही पाई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर तीनों महिला डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इलाज में लापरवाही के आरोप में फंसी निलंबित डॉक्टरों ने इसे इंटरनल पोटिलिक्स करार दिया है। डॉक्टर ज्योति डबास ने तो अस्पताल प्रबंधन के उच्चअधिकारियों को गलत ससपेंशन का जिम्मेदार बताया है, तो वहीं डॉक्टर हरप्रीत कलसी के मुताबिक वो एक जूनियर डॉक्टर हैं और उन्हें कोई हक ही नहीं है कि किसी को रेफर करें। हरप्रीत कलसी ने डॉक्टर अल्का पर आऱोप लगाते हुए कहा कि उनके आदेश से सबकुछ हुआ है लेकिन जांच में उनका नाम तक नहीं आया।