Edited By Vivek Rai, Updated: 22 Apr, 2022 07:42 PM
कैथल पुलिस इस समय सवालों के घेरे में है। सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस पर ही गंभीर आरोप जड़े जा रहे हैं। दरअसल, ये आरोप लगाए हैं डीएफएससी कार्यालय के अधिकारियों ने उनका कहना है कि आरोपी पर मामला दर्ज करने की बजाय उल्टा डीएफएससी कार्यालय के...
कैथल(जयपाल): कैथल पुलिस इस समय सवालों के घेरे में है। सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस पर ही गंभीर आरोप जड़े जा रहे हैं। दरअसल, ये आरोप लगाए हैं डीएफएससी कार्यालय के अधिकारियों ने उनका कहना है कि आरोपी पर मामला दर्ज करने की बजाय उल्टा डीएफएससी कार्यालय के अधिकारियों को धमकी पुलिस की ओऱ से दी जा रही है। मामला दर्ज करवाने को लेकर जब डीएफएससी कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी पुलिस के पास पहुंचे हैं तो पुलिस उनको धमका कर थाने से वापस भेज देती है। जिसके कारण ही विभाग की जांच में दोषी पाए गए डिपू होल्डर के खिलाफ 4 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है।
यहां तक की मामला कैथल एसपी के संज्ञान में आने के 18 दिन बाद भी मामले में कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली जिससे कैथल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बता दें कि करीब 4 महीने पहले डीएफएससी कार्यालय द्वारा कैथल के एक डिपो होल्डर ने सरकार की तरफ से गरीबों को मिलने वाले राशन को डकार कर लाखों रुपए का गबन किया था। जिस संबंध में डीएफएससी कार्यालय द्वारा कई बार दोषी डीपू होल्डर के खिलाफ FIR करने के लिए सिविल लाइन थाने को पत्र लिखा गया था परंतु आज तक भी सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं की है जो कि कैथल पुलिस की एक बड़ी लापरवाही है।
विभागीय अधिकारी विक्रम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपित डिपो होल्डर ने आठ क्विंटल 61 किलोग्राम बाजरा, दो क्विंटल 10 किलोग्राम गेहूं, 112 लीटर सरसों का तेल, 34 क्विंटल 30 किलोग्राम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन, एक किलो 40 किलोग्राम चीनी, 34 किलो गेहूं हरियाणा सरकार का हड़प लिया है।
DFSE कार्यालय के अधिकारी विक्रम शर्मा ने बताया कि वह पिछले 4 महीनों से पुलिस के साथ पत्राचार कर रहे हैं परंतु पुलिस ने अभी तक भी एफ आई आर दर्ज नहीं की इसके साथ ही स्वयं DFSE कैथल ने भी 4 अप्रैल को कैथल एसपी को पत्र लिखा था परन्तु दोषी के खिलाफ अब तक भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
मीडिया को जानकारी देते हुए विक्रम शर्मा ने बताया कि उनके अधिकारी व कर्मचारी जब मामला दर्ज करवाने के लिए सिविल लाइन थाने में गए तो वहां के पुलिसकर्मियों ने उनको धमकाया और धमकी दी कि हम डिपो होल्डर से पहले आप पर मुकदमा दर्ज करेंगे। जिसको लेकर कर्मचारी भी अब पुलिस के पास जाने से कतरा रहे हैं।
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