विज द्वारा विभिन्न विभागों में दिए जांच के आदेश लटकाने वालों पर गिर सकती है गाज

Edited By Shivam, Updated: 16 Oct, 2021 04:06 PM

those hanging orders of investigation given by vij in departments may fall

हरियाणा के गृह स्वास्थ्य अधिकारी व टेक्निकल एजुकेशन मंत्री अनिल विज ने अपने अधीन आने वाले सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिख कहा है कि आज तक उन्होंने जितनी भी जांच किसी भी मुद्दे पर, किसी भी शिकायत पर विभाग में भेजी है,...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह स्वास्थ्य अधिकारी व टेक्निकल एजुकेशन मंत्री अनिल विज ने अपने अधीन आने वाले सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिख कहा है कि आज तक उन्होंने जितनी भी जांच किसी भी मुद्दे पर, किसी भी शिकायत पर विभाग में भेजी है, उन पर क्या एक्शन लिया गया वह एक्शन टेकन रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजी जाए।

विज इस बात से बेहद खफा हैं कि उन्होंने जितनी भी जांच आज तक किसी भी मुद्दे पर अपने अधीन आने वाले किसी भी विभाग में भेजी हैं, उनकी रिपोर्ट विभागाध्यक्षों द्वारा उन्हें सबमिट नहीं की गई है। अनिल विज ने अपने कार्यालय के स्टाफ को यह भी आदेश दिया कि वह विभागों से यह भी पता करें चिकित्सा अधिकारी के पास कोर्स शिकायत कितने समय से लंबित है तथा इसके लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं। 

अतीत में भी अनिल विज अपने कार्यालय के द्वारा विभिन्न विभागों में जाने वाले सभी पत्राचार की एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगते रहे हैं। अनिल विज के अधीन आने वाले विभागों में अतीत में जवाब देने में सबसे ढीले विभागों में पुलिस विभाग, स्थानीय निकाय व स्वास्थ्य विभाग रहा है, जिनके द्वारा समय पर समयबद्ध जवाब उपलब्ध न करवाए जाने पर अनिल विज अतीत में भी कई बार संकेतात्मक नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

सूत्रों की मानें तो इस बार अनिल विज के तेवर इस मामले में तल्ख हैं। अनिल विज सदैव कहते रहे हैं कि जो लोग उनके पास किसी भी काम के लिए आते हैं, उनको संतुष्ट करना व उनकी सुनवाई करना उनका दायित्व है। विभागों के अधिकारियों को जो आदेश दिए जाते हैं उन्हें कार्य निबंध करना विभाग के अधिकारियों का दायित्व है। अगर अधिकारी उनके आदेशों के बावजूद किसी भी जांच को प्रोजेक्ट बना कर लटका कर रखते हैं तो वह सहन नहीं होगा।

विज ने उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों की बुलाई मीटिंग
हरियाणा पुलिस विभाग के डीजीपी पीके अग्रवाल के लगने के बाद गृह मंत्री अनिल विज ने 18 अक्टूबर को उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग भी बुलाई है। हरियाणा पुलिस की कमान पीके अग्रवाल के हाथ आने के बाद पुलिस विभाग द्वारा शिकायतों का निपटान का फार्मूला क्या है? और देरी के कारण क्या है? इस मुद्दे पर 18 अक्टूबर को अनिल विज ने अपने कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक बनाई है, जिसमें हरियाणा के गृह सचिव एसएससी राजीव अरोड़ा भी मौजूद रहेंगे। 

इसके अलावा पुलिस विभाग के अन्य उच्च अधिकारी भी इसमें शिरकत करेंगे। पुलिस विभाग को स्टेशनरी उपलब्ध हो इसके लिए लगभग 5 महीने पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एडिशनल चीफ सेक्टरी हरियाणा राजीव अरोड़ा को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र पर वित्तीय विभाग की अप्रूवल जरूरी थी इसलिए यह पत्र अभी तक डीजीपी हरियाणा के कार्यालय में नहीं पहुंचा है। अतीत में डीजीपी रहे मनोज यादव के कार्यकाल में बजट के अप्रूवल के लिए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक फाइल एक रूप भी की थी तथा वित्त विभाग को भेजी हुई थी।

हरियाणा के ज्यादातर चौकी और थानों के अंदर यह प्रोफाइल कोई भी शिकायतकर्ता जब शिकायत करने जाता है तो पुलिस इससे कागज और पेन की मांग करती है, अनिल विज स्टेशनरी मुहैया ना होने के कारण तथा लोगों से ऐसी मांग करने के कारण पहले से ही पुलिस की इस वर्किंग को सुधारने पर लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार वित्त विभाग के पास जो फाइल अटकी हुई है उसमें किसी भी जिला के महिला थाने के लिए प्रति माह 30,000 की स्टेशनरी थाना सिटी के लिए 50,000 किस गांव के थाने के लिए 25000 तथा ट्रैफिक पुलिस के थाने के लिए 25000 की स्टेशनरी के बजट का प्रावधान होना चाहिए।

हरियाणा के अंदर नशा रोकने के लिए नारकोटिक्स ब्यूरो का गठन अनिल विज के प्रयासों से किया गया था। नारकोटिक्स ब्यूरो के गठन के बाद यह सवाल उठना शुरू हो गया था कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में स्टेशनरी कार्यालय में उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा। नारकोटिक्स ब्यूरो के मामले में भी अनिल विज 18 अक्टूबर की मीटिंग में समीक्षा कर सकते हैं। नारकोटिक्स ब्यूरो के मामले में अतीत में बीजेपी रहे मनोज यादव के कार्यकाल में सुविधाएं उपलब्ध ना होने का मामला काफी सुर्खियों में रहा तथा इस मामले को लेकर एक आला अधिकारी जो नारकोटिक्स ब्यूरो में लगे हुए उन्होंने अनिल विज को एक लिखित पत्र भी लिखा था। नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारी ने पत्र में यह भी लिखा था काम करने के लिए उन्हें स्वतंत्र रूप से बजट भी उपलब्ध करवाया जाए।

हरियाणा के गृह स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज पिछले डेढ़ साल में तीन बार विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन रहे। मोहाली के प्राइवेट अस्पताल, पीजीआई, एम्स दिल्ली में उपचाराधीन रहते हुए भी अनिल विज ने लगातार अपने कार्यालय में आने वाली हर फाइल को निकाला लेकिन इनके अधीन आने वाले विभागीय फाइलों को निकालते रहे हैं। जब अनिल विज फाइल्स निकालते रहे तो अधिकारियों ने क्यों लटकाई, इससे विज खफा है। अनिल विज इस मामले में जवाब-तलब करने की कार्रवाई की ओर अग्रसर है, अब देखना यह है कि इस मामले में गाज किस-किस पर गिरती है।

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