Edited By Manisha rana, Updated: 02 Jun, 2022 01:44 PM
विश्व में अपनी अलग ही पहचान बनाने वाले पानीपत का उद्योग जगत अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा हूं। यहां की मार्किट यूक्रेन रूस के युद्ध के बाद से अब तक 1250 करोड़ ...
पानीपत (सचिन) : विश्व में अपनी अलग ही पहचान बनाने वाले पानीपत का उद्योग जगत अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा हूं। यहां की मार्किट यूक्रेन रूस के युद्ध के बाद से अब तक 1250 करोड़ का नुकसान झेल चुकी है। युद्ध के बाद विदेशों से व्यापार प्रभावित हुआ। इस साल बिजली की किल्लत ने उत्पाद में 50 परसेंट पर लाकर खड़ा कर दिया। पहले बॉयलर चलाने में कोयला इस्तेमाल होता था अब सरकार उसे भी बंद करने जा रही है। नए रूल के मुताबिक अब बॉयलर पीएनजी ईंधन से चलाना होगा, जो कि कोयले से 50 गुना महंगा है।
वहीं उद्योगपति, फेडरेशन ऑफ इंडिया एसोसिएशन के चेयरमेन भीम राणा ने बताया कि उद्योग चलाना अब मुश्किल होता जा रहा है। सरकार उद्योगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही जिससे पानीपत के उद्योग धन्धे बन्द होते जा रहे है और रोजाना श्रमिक बेरोजगार होकर पलायन कर रहे है।
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