Edited By kamal, Updated: 25 May, 2019 08:38 AM
प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में इस बार नोटा को भी मतदाताओं ने वरीयता दी। नोटा के इस्तेमाल में जहां 2014 के लोकसभा...
फरीदाबाद(महावीर): प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में इस बार नोटा को भी मतदाताओं ने वरीयता दी। नोटा के इस्तेमाल में जहां 2014 के लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी अंबाला अव्वल रहा वहीं सबसे कम इसका प्रयोग महेंद्रगढ़-भिवानी के मतदाताओं ने किया। पिछले लोकसभा चुनावों में अंबाला में सबसे अधिक तो हिसार के मतदाताओं ने सबसे कम नोटा का इस्तेमाल किया था। कई लोकसभा क्षेत्रों में तो स्थिति यह रही कि लोकसभा चुनाव में जीत के सपने के साथ उतरे कई प्रत्याशी नोटा से भी पिछड़ गए।
इस बार प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों को जीतकर भाजपा ने परचम लहराया है। हरियाणा की अधिकतर सीटों पर जहां मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच था वहीं कुछ सीटों पर भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ जजपा प्रत्याशी भी त्रिकोणीय मुकाबले में थे। हरियाणा में 41 हजार से अधिक मतदाताओं ने नोटा को अपनी पसंद बनाया। भाजपा व कांग्रेस व कुछ सीट पर जजपा के प्रत्याशियों के अलावा अन्य प्रत्याशी नोटा से भी कम वोटों पर सिमट गए।
इस बार भी चुनावी मैदान में अनेक प्रत्याशी थे, जिन्होंने जीत का या प्रमुख दलों का खेल बिगाडऩे का दावा किया, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच सीधी टक्कर में ये टिक नहीं पाए। प्रमुख दलों के अलावा एक भी प्रत्याशी मतदाताओं पर अपनी पकड़ नहीं बना पाया। इनमें से दो-चार को छोड़कर बाकी तो प्रचार करने तक भी नहीं आए।
10 सीटों पर नोटा की स्थिति
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर यदि नोटा की स्थिति की बात की जाए तो अंबाला लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 7,943 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया, वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ में सबसे कम 2,041 लोगों ने नोटा में दिलचस्पी दिखाई। अंबाला और भिवानी-महेंद्रगढ़ को छोड़कर बाकी 8 लोकसभा सीटों, फरीदाबाद में 4,986, गुरुग्राम में 5,389, कुरुक्षेत्र में 3,198, रोहतक में 3,001, हिसार में 2,957, करनाल में 5,463, सोनीपत में 2,464, सिरसा में 4,339 और लोगों ने नोटा का बटन दबाकर मताधिकार का प्रयोग किया।