नामी रेसलर पाई-पाई के लिए मोहताज, बच्चों की फीस के लिए मांग रहा कर्जा

Edited By Shivam, Updated: 17 Jul, 2018 05:47 PM

this poor wrestler lending loan for child education

राज्य सरकार प्रदेश में खिलाड़ियों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लेकिन वहीं एक रेसलर 2004 से इंसाफ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। आज हालात ये है कि रेसलर अपने बच्चों की फीस के लिए लोगों से कर्जा मांग रहा है। हालांकि हरियाणा...

गुरुग्राम (सतीश राघव): राज्य सरकार प्रदेश में खिलाड़ियों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लेकिन वहीं एक रेसलर 2004 से इंसाफ पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। आज हालात ये है कि रेसलर अपने बच्चों की फीस के लिए लोगों से कर्जा मांग रहा है। हालांकि हरियाणा सरकार ने इस रेसलर को पुलिस में खेल कोटे से सिपाही के तौर पर भर्ती किया था। 

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हरियाणा पुलिस में नवीन कुमार बेल्ट नंबर 833 को हरियाणा पुलिस में खेल के कोटे से  सिपाही भर्ती किया गया था। नवीन साल 2004 में फरीदाबाद में था उस दौरान 4 सिपाहियों का आपसी झगड़ा हुआ जिसके बीच बचाव में जाने से उसे बर्खास्त कर दिया गयाl 

रेसलर नवीन कुमार ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि वह दलित है जिस कारण उसे मामूली बात पर बर्खास्त किया गया हैl उसके साथ कई अन्य सिपाहियों को भी बर्खास्त किया गया लेकिन जो स्वर्ण जाति के थे उन्हें विभाग ने 2008 में वापिस ले लिया। वह आज तक बर्खास्त है और न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। नवीन  को बच्चों की फीस के लिए लोगों से कर्जा मांगना पड़ रहा है। नवीन ने विभाग में तैनात सिपाहियों की आरटीआई के तहत जानकारी मांगी जिसके आधार पर पाया कि जिन सिपाहियों को विभाग ने लिया है उनका रिकॉर्ड खराब है इसी को लेकर उसने आरोप लगाया है कि उसके साथ विभागीय भेदभाव किया जा रहा है। 

न्याय पाने के लिए अब नवीन ने सुबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व खेल मंत्री अनिल विज से न्याय की गुहार लगाई है। रेसलर ने बताया कि खेल के लिए उसे पुलिस ने पांच बार प्रथम श्रेणी प्रथम क्लॉक के सर्टिफिकेट से भी नवाजा गया था।

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