Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Feb, 2018 03:15 PM
समाज में ऐसे भी लोग हैं जो अपना सब कुछ छोड़कर समाजहित के लिए काम करने में जुट जाते है।ऐसे ही एक शख्स है दिल्ली के रहने वाले किरण वर्मा। जो लोगों को रक्तदान के प्रेरित करने के लिए 15 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकले है। उन्होंने ये बीड़ा इसलिए उठाया कि...
रोहतक(दीपक भारद्वाज): समाज में ऐसे भी लोग हैं जो अपना सब कुछ छोड़कर समाजहित के लिए काम करने में जुट जाते है।ऐसे ही एक शख्स है दिल्ली के रहने वाले किरण वर्मा। जो लोगों को रक्तदान के प्रेरित करने के लिए 15 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकले है। उन्होंने ये बीड़ा इसलिए उठाया कि 2016 में उनके द्वारा दान किए हुए रक्त को एक जरूरतमंद को बेच दिया गया। लोगों को आसानी से रक्त मिल सकते और कोई बिचोलिया उसका फायदा ना उठा सके। इसके लिए उन्होंने एक मोबाइल एप बनाकर अभी तक विभिन्न देशों में एक साल में 2000 लोगों की जान बचाई है। इस काम के लिए किरण ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। वे लोगों को जीवनदान देने के इस काम को लेकर काफी खुश है।
दिल्ली के अजमेरी गेट निवासी किरण वर्मा ने दिसंबर 2016 में एक जरूरतमंद गरीब महिला की जान बचाने के लिए रक्त दान किया था। जब वह उस महिला से मिला तो उसे पता चला कि उसका रक्त उस महिला को 1500 रूपए में बेचा गया। उसी दिन से उसने ठान लिया कि जरूरत मंद लोगों को रक्त आसानी से मिल सके। इसके लिए वह कुछ करेगा। ताकि रक्त का गोरख धंधा करने वाले लोग इसका फायदा ना उठा सके। किरण ने एक सिम्पली ब्लड के नाम से एक मोबाईल एप बनाई। ताकि रक्त देने वाला और जरूरतमंद आपस में ही अपनी जरूरत पूरी कर सके और बिचोलिया इसका फायदा ना उठा सके।
फिलहाल किरण लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने व अपनी इस एप के बारे में बताने के लिए पूरे देश की पैदल यात्रा करने के लिए निकल पड़े हैं। उनका लक्ष्य पूरे देश में 15 हजार किलोमीटर की यात्रा कर लोगों से सपर्क करना है। उनका कहना है कि हर साल भारत में ही रक्त ना मिलने की वजह से लगभग 15 हजार लोग मर जाते है। यह सब इसलिए होता है कि रक्तदान के नाम से गोरखधंधा कर पैसा कमाने वाले लोग सक्रिय है और जरूरतमंद तक रक्त नहीं पहुंचता है। इसलिए उन्होंने ठाना है कि इस गोरखधंधे को वे खत्म करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने सिम्पलि ब्लड एप बनाई है।
ये ऐप विश्व के 180 देशों में काम कर रही है। इस पर लगभग 2 लाख यूजर जुडे़ हुए हैं। जिसके माध्यम से रक्तदाता और जरूरत मंद आपस में ही एक दूसरे की मदद कर सकते हैं और कोई भी बिचोलिया नही होता है। उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से पाकिस्तान सहित कई देशों के लगभग 2 हजार लोगों की जान बच चुकी है। उनका कहना है कि किसी परिवार का व्यक्ति जाने से परिवार किस तरह से बिखर जाता है, उसे भली-भांति पता है। क्योंकि जब वे 7 साल के थे तो कैंसर की वजह से उनकी मां की मौत हो गई थी। अभी तक वे लगभग 50 बार रक्तदान कर चुके है।