जान बचाकर भागी महिला टैक्सी में हो गई थी बेहोश, शख्स की इंसानियत ने परिवार से मिलाया

Edited By Shivam, Updated: 15 Jun, 2021 07:16 PM

the woman who fled after saving her life had fainted in the taxi

एक पुरानी कहावत है कि मारने से बड़ा बचाने वाला होता है। भगवान आपको किस रूप में कहां मिल जाए यह भी कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसी ही एक घटना पानीपत की रहने वाली शालू नामक महिला के साथ घटी जब टैक्सी चालक की नेक दरियादिली से वह सुरक्षित अपने घर पहुंची।

पानीपत (सचिन): एक पुरानी कहावत है कि मारने से बड़ा बचाने वाला होता है। भगवान आपको किस रूप में कहां मिल जाए यह भी कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसी ही एक घटना पानीपत की रहने वाली शालू नामक महिला के साथ घटी जब टैक्सी चालक की नेक दरियादिली से वह सुरक्षित अपने घर पहुंची। 

जानकारी के मुताबिक, अपने ससुराल से जान बचाकर भागी शालू पानीपत स्टेशन पर पहुंची और टैक्सी में बैठकर अंबाला पहुंच गई, अंबाला पहुंचने पर जब टैक्सी ड्राइवर ने किराया मांगा तो उसके पास पैसे नहीं थे और रोने लगी और वहीं बेहोश हो गई। टैक्सी ड्राइवर उसे वापिस पानीपत लेकर आया और अपने किसी परिचित महिला के घर छोड़ दिया। महिला व ड्राइवर की ईमानदारी व नेक नियत ने उसे उसके परिजनों से मिलवा दिया।

शालू के भाई पंकज ने बताया कि बहन के ससुराल से फोन आया था कि शालू घर छोड़कर चली गई है। जब बहन का कहीं पता नहीं चला कि दिल्ली स्वरूप नगर में जाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। उन्होंने कहा कि बहन के ससुराल वाले उससे दहेज के नाम से लाखों रुपये मांगते थे। भाई ने बताया कि 7 बहनों व 2 भाइयों में सबसे छोटी शालू की शादी 2 साल पहले दिल्ली में हुई थी।

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वहीं शालू ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि दिल्ली से पानीपत स्टेशन पर पहुंची तो टैक्सी से अंबाला पहुंचने पर किराया मांगने लगे, लेकिन कई दिनों से भूखी प्यासी थी तभी वहीं बेहोश हो गई। तब टैक्सी ड्राइवर उसे अम्बाला से अपने किसी रिश्तेदार के घर ले गया, वहीं दो-तीन दिन रह कर जब उसे होश आया तो अपने परिजनों का नंबर दिया। शालू ने बताया कि ससुराल वाले उसे मारते पीटते थे, एक रात उसने उनकी बातें सुनी थी कि वे उसको मारने का षडयंत्र रच रहे हैं। तभी अपने सुसराल से भागकर आ गई।

वहीं टैक्सी चालक संदीप ने बताया कि पानीपत से पीड़िता मेरी गाड़ी में बैठने के बाद अंबाला पहुंची। अंबाला पहुंचने पर किराया मांगा तो महिला की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी, तभी वापस पानीपत लाकर गीता के पास छोड़ दिया था।

वहीं शालू को अपने घर पनाह देने वाली महिला गीता ने बताया कि लड़की की हालत बड़ी खराब थी। 3 दिन से बेहोश थी,  इसको दवाई दिलवाई। गीता ने कहा कि बताया कि शालू 10 तारीख रात को लगभग 9 व 10 बजे मेरे पास आई थी। 3 दिन बाद उसको होश आया, तब इसने परिजनों का नंबर बताया तो उस नंबर पर उसकी भाभी से बात की तो आज वहां लेने पहुंचे हैं।
 

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