...ताे इस कॉलेज से हुआ था पेपर लीक, अब हाेगी कार्रवाई

Edited By vinod kumar, Updated: 24 Dec, 2019 01:48 PM

the truth of paper leak came to light

चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय द्वारा संचालित परीक्षाओं के दौरान सिलसिलेवार हुए पेपर लीक का सच अब सामने आ गया है। जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट वी.सी. को सौंप दी है जिसमें उन तमाम तथ्यों को दर्शाया हुआ जिसके तहत न केवल पेपर लीक होने वाले कालेज का नाम...

सिरसा(भारद्वाज): चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय द्वारा संचालित परीक्षाओं के दौरान सिलसिलेवार हुए पेपर लीक का सच अब सामने आ गया है। जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट वी.सी. को सौंप दी है जिसमें उन तमाम तथ्यों को दर्शाया हुआ जिसके तहत न केवल पेपर लीक होने वाले कालेज का नाम दिया गया है अपितु कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्य भी रिपोर्ट में शामिल किए हैं। बताया गया है कि रिपोर्ट के तहत जिला फतेहाबाद के गांव बहबलपुर स्थित मुखत्यार सिंह कालेज से ही पेपर लीक किया गया है।

इस जांच रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई के लिए वी.सी. ने रजिस्ट्रार के पास फाइल भेज दी है। सोमवार को रजिस्ट्रार कार्यालय ने यह फाइल देविवि के परीक्षा नियंत्रक के पास भिजवा दी ताकि आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बताया गया है कि परीक्षा नियंत्रक द्वारा फाइल पुटअप करने के बाद उक्त कालेज के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया जाएगा। लिहाजा, कहा जा सकता है कि जांच कमेटी ने अपनी जांच के दौरान पेपर लीक करने वाले का न केवल भेद लगा दिया है अपितु पेपर को लीक कैसे किया गया इसका भी खुलासा हो गया है। अहम बात ये भी है कि एक अन्य पेपर कहां से लीक हुआ? इस पहलू पर भी गहनता से विचार किया जा रहा है। 

रजिस्ट्रार ने दावा किया है कि वे जल्द ही इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से साक्ष्य जुटाएंगे ताकि इसका भी भेद लगाकर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सके।गौरतलब है कि चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय की ओर से अपने संबंधित कालेजों में परीक्षाएं ली जा रही हैं। इन्हीं परीक्षाओं के क्रम में 16 व 17 दिसम्बर को 2 दिन लगातार अलग-अलग विषयों के पेपर लीक हो गए। 16 दिसम्बर को बी.कॉम का पेपर था और 17 दिसम्बर को बी.एससी की परीक्षा थी। इन दोनों विषयों के पेपर लीक हो गए थे। लीक होने की खबर मिलते ही विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुल्तान सिंह ने कड़ा कदम उठाते हुए न केवल इन दोनों विषयों की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया अपितु उनके इस निर्णय से चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय की छवि भी दागदार होने से बच गई। 

ऐसे सामने आया सच
देविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुल्तान सिंह को जैसे ही यह पुख्ता खबर मिली कि पेपर लीक हो गए हैं तो उन्होंने इन दोनों परीक्षाओं का न केवल समय रहते ही स्थगित करवा दिया अपितु इन दोनों घटनाओं के बारे में उन्होंने वी.सी. प्रो. विजय कायत को भी अवगत करवाया। इसके अलावा खुद द्वारा परीक्षा स्थगित के लिए गए निर्णय के बारे में भी जानकारी दी और वी.सी. ने परीक्षा लीक के मामले को गंभीर मानते हुए इसकी पुख्ता जांच करवाने के लिए एक 3 सदस्यीय कमेटी गठित की। इस कमेटी में प्रो. राजकुमार, प्रो. पंकज शर्मा व प्रो. अभय गोदारा को शामिल किया गया था। इस जांच कमेटी ने अपनी जांच शुरू की और इसके तहत कमेटी ने देविवि से संबंधित कालेजों में से 26 कालेज को जांच में शामिल किया। इन सभी कालेज प्रमुखों को साफ कहा गया कि वे न केवल इस जांच में शामिल हों बल्कि अपने साथ विश्वविद्यालय में इन दोनों विषयों की परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नपत्रों के सीलबंद बंडल भी लेकर आएं।

 इस पर ये सभी कालेज प्रश्नपत्रों के बंडल लेकर कमेटी के समक्ष पेश हुए और जांच कमेटी ने वीडियोग्राफी के दौरान न केवल उनके सामने ही सील खोली और बंडलों व प्रश्नपत्रों की बारीकी से जांच की। इसी दौरान जब एक कालेज द्वारा सौंपे गए सीलबंद लिफाफे को देखा तो पाया कि सील के साथ छेड़छाड़ की गई। इसके अलावा लिफाफा खोला तो एक पेपर कुछ उखड़ा हुआ मिला और उस पर ङ्क्षफगरपिं्रट वगैरह भी कुछ मिले। इस पर संदेह हुआ तो गहनता से कमेटी में शामिल तीनों सदस्यों से पुन: इस प्रश्नपत्र वाले बंडल की सील और इसमें से निकाले गए प्रश्नपत्र को चैक किया और पाया कि पेपर लीक करने के बाद ही इस प्रश्नपत्र को लिफाफे में डाल पुन: सील्ड किया गया है। लिहाजा, इस जांच के तहत पेपर लीक होने का सच सामने आ गया। 

रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ कार्रवाई का सिलसिला
अब जबकि जांच कमेटी ने पेपर लीक होने के पूरे मामले की पड़ताल कर ली है और इसकी रिपोर्ट उन्होंने वी.सी. को सौंप दी। वी.सी. प्रो. विजय कायत ने इस रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई के लिए अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट को ब्यौरे सहित रजिस्ट्रार डा. राकेश वधवा को भेज दी है। सोमवार को रजिस्ट्रार की ओर से रिपोर्ट को देख लेने के बाद अब पुलिस कार्रवाई के लिए इसे विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के पास भेज दी है। कहा जा रहा है कि जैसे ही परीक्षा विभाग से यह फाइल पुन: रजिस्ट्रार कार्यालय में आ जाएगी तो इसके बाद संबंधित कालेज के खिलाफ पुलिस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मसलन, अब कालेज के खिलाफ शिकंजा कसने की कवायद तेज हो गई है।

डा. राकेश वधवा, रजिस्ट्रार, देविवि  ने कहा पेपर लीक के मामले में गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट वी.सी. को सौंप दी और वी.सी. द्वारा यह रिपोर्ट यहां भेजी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर बहबलपुर स्थित मुखत्यार कालेज का नाम सामने आया है जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इससे संबंधित फाइल एक बार परीक्षा नियंत्रक को भेजी जाएगी और इसके बाद अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।’

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