Edited By Manisha rana, Updated: 04 May, 2020 09:11 AM
हरियाणा सरकार की गेंहू खरीद की स्पष्ट नीति होने के बावजूद भी अनाज मंडियों में बिकने के लिए आये हुए गेंहू को बारिश से बचाने......
पलवल (गुरुदत्त गर्ग) : हरियाणा सरकार की गेंहू खरीद की स्पष्ट नीति होने के बावजूद भी अनाज मंडियों में बिकने के लिए आये हुए गेंहू को बारिश से बचाने के लिए आढतियों के पास कोई इतजाम नहीं है। मौसम बिगड़ने पर आई बारिश में हथीन की अनाज मंडी में गेंहू खुले आसमान के नीचे पड़ा भीगता रहा जिसे बारिश से बचाने के ना तो प्रयास किये गये और ना ही आढतियों के पास बारिश से खाद्यान्न को बचाने के कोई इंतजाम दिखाई दिए।
बारिश में भीगते हुए गेंहू का नाजारा पलवल के उपमंडल हथीन की अनाज मंडी का है। मंडी में चारों तरफ गेंहू ही गेंहू दिखाई दे रहा है जो खुले आसमान में पड़ा हुआ है। किसानों के द्वारा लाया गया गेंहू सरकारी एजेंसियों के द्वारा खरीदा जाना है। सरकारी एजेंसियों के लिए खाद्यान्न खरीदने से पूर्व कई शर्तें है जिनमें कोई भी अनाज खरीदने से पूर्व सबसे पहली शर्त में खाद्यान्न का साफ़ और सूखा होना बहुत जरुरी है। मंडी में लाये जाने के बाद आढतियों के लिए भी स्पष्ट निर्देश हैं की वे किसानों के द्वारा लाये गये अनाज को बारिश से बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास करें जिसके लिए सबसे जरुरी इंतजाम में पक्के फंड होना तथा तिरपाल से ढका जाना जरुरी है। लेकिन यहाँ पर जितनी देर बारिश होती रही गेंहू बारिश में भीगता रहा।
पहले सही मौसम खराब होने के बावजूद गेंहू को भीगने से बचाने के इंतजाम नहीं किये जाने के बारे पूछे जाने पर आढतियों तथा सरकारी खरीद एजेंसी के मंडी परचेजर ने कहा की बारिश कोई बहुत अधिक नही हैं इससे गेंहू पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि गीले गेंहू की तुलाई होने पर बाद में वह सूख कर कम हो जाएगा तथा भीगे गेंहूं के भंडारण होने पर भण्डार गृह में आग भी लग सकती है। गेंहू सड़ कर खराब भी हो सकता है।