विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी दलों को फिर आने लगी बाबाओं की याद!

Edited By Isha, Updated: 29 Sep, 2019 08:42 AM

the political parties started remembering baba

करीब 3 सप्ताह बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी दलों और संभावित प्रत्याशियों ने वोट बैंकों को टटोलना शुरू कर दिया है। हर चुनाव की तरह इस बार भी धार्मिक गुरुओं

अम्बाला शहर (रीटा/सुमन): करीब 3 सप्ताह बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी दलों और संभावित प्रत्याशियों ने वोट बैंकों को टटोलना शुरू कर दिया है। हर चुनाव की तरह इस बार भी धार्मिक गुरुओं व बाबाओं के डेरों में माथा टेकने का सिलसिला शुरू होने वाला है। जातीय समीकरणों के अलावा करीब 2 दर्जन ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां किसी भी प्रत्याशियों की जीत-हार में बाबाओं व डेरों की बड़ी भूमिका होती है।

इस दौरान सबसे ज्यादा सरगर्मियां डेरा सच्चा सौदा में रहती हैं, जिसके समर्थकों के एक बड़ा वोट बैंक है। अभी तक किसी पार्टी के किसी बड़े नेता की रोहतक की सुनारियां जेल में बंद राम रहीम से मुलाकात की जानकारी नहीं है, लेकिन विपक्षी दलों के नेताओं ने डेरा प्रेमियों की सहानुभूति बटोरने के लिए पंचकूला ङ्क्षहसा का ठीकरा सरकार के सिर पर फोडऩा शुरू कर दिया है। 

अभी हाल में इनैलो की कैथल रैली में अभय चौटाला ने पंचकूला में 34 डेरा प्रेमियों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने भी अभी हाल में एक जनसभा में सरकार पर सतलोक आश्रम व डेरा सच्चा सौदा को लेकर सहानुभूतिपूर्ण बयान दिया। भाजपा भले ही एक बार फिर मोदी लहर के जरिए अपने तौर पर 75 पार का दावा कर रही है लेकिन उसे अंदाजा है कि यदि डेरा का आशीर्वाद मिल गया, इस टारगेट को हासिल करना और आसान हो जाएगा।

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