Edited By Rakhi Yadav, Updated: 02 May, 2018 11:18 AM
वैसे तो लंबे समय से ही झज्जर के सरकारी अस्पताल को आमजन ने पीजीआई रैफर करने का मौका दिया हुआ है। लेकिन इन दिनों मरीजों के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि झज्जर जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में रैबिज के इंजेक्शन...
झज्जर(प्रवीन धनखड़): वैसे तो लंबे समय से ही झज्जर के सरकारी अस्पताल को आमजन ने पीजीआई रैफर करने का मौका दिया हुआ है। लेकिन इन दिनों मरीजों के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि झज्जर जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में रैबिज के इंजेक्शन ही नहीं है।
जिसके चलते मरीजों को गुरूग्राम या फिर दिल्ली जाकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है। बता दें, रैबिज वैक्सिन वह इंजेक्शन है जोकि किसी भी व्यक्ति को कुत्ते द्वारा काट लिए जाने पर लगवाया जाता है। अक्सर मरीज इस इंजेक्शन को लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों का रूख करता है। लेकिन झज्जर के सरकारी अस्पताल की बात की जाए तो यहां पिछले काफी लंबे समय से रैबिज वैक्सिन के इंजेक्शन नहीं है।
हालात ज्यादा इसलिए भी खराब हो गए है क्योकि प्राईवेट दुकानों में भी अब यह इंजेक्शन नहीं मिल रहे है। अब मरीजों को इसके लिए गुरूग्राम व दिल्ली जाकर अपना ईलाज मंहगे दामों पर कराना पड़ रहा है। उधर स्थानीय चिकित्सक कुत्ते द्वारा काटे जाने की इस बिमारी को सबसे ज्यादा घातक बताते है।
उनका कहना है कि यदि समय पर इलाज न हो तो इस बिमारी की वजह से मरीज की मौत भी हो सकती है। लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकारी अस्पताल में इस बिमारी के इलाज के लिए लगाए जाने वाले रैबिज के इंजेक्शन मरीजों को क्यों नहीं उपलब्ध कराए जा रहे है। इसका जवाब उनके पास एक ही है कि पीछे से ही इन इंजेक्शन की डिलीवरी में दिक्कत आ रही है। लेकिन जल्द ही इस समस्या के समाधान की बात भी डिप्टी सीएमओ डा.मुरारी से की जा रही है।