हरियाणा गृह मंत्री ने दी चेतावनी- जो नेता लॉकडाउन का उल्लंघन कर भीड़ जुटाएगा, कार्रवाई होगी

Edited By vinod kumar, Updated: 23 Apr, 2020 01:39 PM

the leader who violates the lockdown will gather the crowd action will be taken

कोरोना संकट के समय लॉकडाउन के दौरान मंडियों में जुट रही भीड़ को लेकर हरियाणा सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। ऐसे में अब जो नेता मंडियों का दौरा करने जाएंगे, वहां अगर उनके द्वारा भीड़ जुटाई गई तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। गृह मंत्री अनिल विज...

चंडीगढ़: कोरोना संकट के समय लॉकडाउन के दौरान मंडियों में जुट रही भीड़ को लेकर हरियाणा सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। ऐसे में अब जो नेता मंडियों का दौरा करने जाएंगे, वहां अगर उनके द्वारा भीड़ जुटाई गई तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि ऐसे नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उनके मंडियों में जाने से वहां पर भीड़ जुटती है।

गृह मंत्री विज ने कहा कि इस समय अन्य प्रदेशों की अपेक्षा हालात सुधरे हुए हैं। हम नहीं चाहते कि एक बार फिर से संक्रमण बढ़े और सरकार के सामने संकट खड़ा हो। मालूम हो कि इस समय गेहूं और सरसों की खरीद का जायजा लेने के लिए नेता मंडियों में जा रहे हैं। विज ने कहा कि मंडियों में जाने वाले सत्तापक्ष के हों या विपक्ष के नेता, लॉकडाउन में उल्ल्घंन बर्दाश्त नहीं हेागा।

गृह मंत्री विज ने कहा कि इनेलो विधायक अभय चौटाला को एक वीडियो उन्होंने देखा है। जो बिल्कुल ठीक नही है। इस संबंध में संबंधित जिला प्रशासन के अफसरों की ओर से अपील की गई है कि सभी नेता फिलहाल लॉकडाउन का पालन करते हुए मंडियों में जाने से परहेज करें। दरअसल दो दिनों से गृहमंत्री के पास सूचना आ रही थी कि कई मंडियों में नेताओ के साथ भारी भीड़ जुट रही है। जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है।

हुड्डा ने मंडियों में फैली अव्यवस्था पर सीएम से बात की
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडियों में फैली अव्यवस्था पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से फोन पर काफी देर प्रदेश की हालातो पर चर्चा की। उन्होंने सीएम का ध्यान मुख्य परेशानी मंडियों में फैली अव्यवस्था पर दिलाया। उन्होंने आढ़तियों के साथ समन्वय बनाकर खऱीद को सुचारू रूप से चलाने की अपील की।

हुडडा ने बताया कि जिस गति से आज सरकारी खऱीद हो रही है, उस हिसाब से तो 3 से 4 महीने में अगस्त तक पूरा गेहूं खऱीदा जा सकेगा। सरसों की खरीद तो और भी धीमी गति से हो रही है। एक हफ्ते में पैदावार का 15 प्रतिशत भी खऱीद नहीं हो पाई। इसलिए किसान के माथे पर चिंता की लकीरें है वो अगली फसल की बुआई कैसे कर पाएगा। तब तक ये फसल नहीं बिकती। इसलिए देश हित और किसान हित में जरूरी है कि अन्नदाता की फसल खरीद की गति को तेज किया जाए।

खरीद व्यवस्था ठप: सुरजेवाला
गेहूं खरीद के तीसरे दिन भी खरीद व्यवस्था ठप है। चारों ओर हाहाकार है। 70 प्रतिशत मंडियां हड़ताल पर हैं। जींद, जुलाना, पीलू खेड़ा, सफीदों, उचाना, नरवाना, कलायत, बरवाला, उकलाना, आदमपुर, टोहाना, रतिया, फतेहाबाद व दादरी आदि मंडियों में सरकार से एक दाना गेहूं भी खरीद नहीं हो पा रहा है। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा गेहूं खरीद के खोखले दावे उनकी अपनी विधानसभा क्षेत्रों में खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार या तो किसान का एक-एक दाना खरीदें, वरना सत्ता छोड़ दे।

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