Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Mar, 2018 09:11 AM
आपराधिक मामले में हिसार जेल में कैद संत रामपाल ने अपने इलाज को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में डा. विक्रम पंघल द्वारा 17 फरवरी, 2018 को एडिशनल सैशंस जज को जमा करवाई रिपोर्ट भी रद्द करने की मांग की...
चंडीगढ़(ब्यूरो): आपराधिक मामले में हिसार जेल में कैद संत रामपाल ने अपने इलाज को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में डा. विक्रम पंघल द्वारा 17 फरवरी, 2018 को एडिशनल सैशंस जज को जमा करवाई रिपोर्ट भी रद्द करने की मांग की है। जिसमें उसने हरियाणा सरकार, डी.जी.पी. व अन्यों को पार्टी बनाया है। जिसमें उनकी इलाज से जुड़ी मांग को खारिज कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार व डी.जी.पी. को नोटिस जारी करते हुए 23 मार्च तक जवाब मांगा है। याची रामपाल की ओर से पेश एडवोकेट गगन प्रदीप सिंह बल ने कहा है कि रामपाल का इलाज करवाने की मांग को दरकिनार करते हुए उनकी जिंदगी और स्वतंत्रता के अधिकार की उल्लंघना की गई है। जो संंविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदान है।
कहा गया है कि प्रतिवादी अथॉरिटी विचाराधीन कैदियों को इलाज मुहैया करवाने के लिए बाध्य है जो बीमारी से ग्रसित हैं। याचिका में एडिशनल सैशंस जज के आदेशों और संबंधित रिपोर्ट को गैर-कानूनी, अन्यायपूर्ण और तानाशाही बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
संत रामपाल के खिलाफ 18 नवम्बर, 2014 को विभिन्न आपराधिक धाराओ में केस दर्ज किया गया था। जिसमें हत्या के प्रयास, देशद्रोह, हथियारों सहित दंगे करने, आगजनी, पुलिसकर्मी की सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाना, उसे चोटिल करना आदि धाराओं समेत आम्र्स एक्ट, एक्सप्लोसिव सबस्टांस एक्ट, पी.डी.पी.पी. एक्ट, अनलॉफुल एक्टिविटीज(प्रिवैंंशन) एक्ट से जुड़ी धाराएं शामिल थीं।
5 दिसम्बर, 2014 से वह सैंट्रल जेल-2 हिसार में कैद हैं। याची ने कहा है कि सुविधाओं और स्वस्थ माहौल के अभाव में वह बीमार पड़े हुए हैं। प्रतिवादी अथॉरिटी की लापरवाही के चलते वह बीमार हैं। याची के मुताबिक उनके दांतों की दिक्कत के कारण वह कुछ भी खाने में असमर्थ है जिसके चलते उनकी तबीयत खराब है।