प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर म्यूजियम बनेगा एच.ए.यू. में

Edited By Deepak Paul, Updated: 05 Jan, 2019 10:52 AM

the first agriculture museum of the state will be built by h a u in

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर म्यूजियम बनने जा रहा है। म्यूजियम को अस्तित्व में लाने की डेड लाइन 31 मार्च तय की गई है।

हिसार(योगेंद्र सिंह): चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर म्यूजियम बनने जा रहा है। म्यूजियम को अस्तित्व में लाने की डेड लाइन 31 मार्च तय की गई है। साथ ही इस पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। म्यूजियम में हरियाणा की एग्रीकल्चर यात्रा का एक-एक पहलू होगा वहीं पहले और वर्तमान की खेती में क्या परिवर्तन हुए उसे भी दिखाया जाएगा। म्यूजियम बनाने की पहल के पीछे एकमात्र उद्देश्य है कि प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनकी आर्थिक तरक्की करना।

म्यूजियम में किसानों को जागरूक करने का होगा इंतजाम
विश्वविद्यालय के गांधी भवन में ही म्यूजियम की पटकथा लिखी जा रही है। इसी भवन के अंदर म्यूजियम को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.के.पी.सिंह बताते हैं कि देश के अन्नदाताओं ने जब कर्ज में डूबे होने के चलते आत्महत्या की तो उसने मेरे अंदर हलचल पैदा कर दी। इतना अधिक व्यथित हुआ कि किसानों के लिए कुछ करने का ख्याल आया। इसी के चलते म्यूजियम की प्लानिंग की और आज इसका काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया कि म्यूजियम तैयार करने के पीछे उनकी सोच है कि इसके माध्यम से वह किसानों की बहुत सारी दिक्कतें,शंकाएं और उनके मन में चलने वाली जिज्ञासाओं को दूर करेंगे। साथ ही खेती से संबंधित जानकारी देने के साथ ही उनकी उपज की वह खुद मार्कीटिंग कर पाए इसके लिए म्यूजियम मील का पत्थर साबित होगा। इस म्यूजियम से उनका हौंसला बढ़ेगा और वह परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती की ओर अग्रसर होंगे।

म्यूजियम की विशेषता
प्रो.के.पी.सिंह बताते हैं कि म्यूजियम में हरियाणा प्रदेश बनने के बाद यहां कैसे खेती होती थी,खेती के साधन क्या थे और आज खेती की क्या स्थिति है इसकी पूरी यात्रा का वृतांत होगा। फोटो गैलरी के साथ पुराने एवं आधुनिक कृषि यंत्र भी यहां होंगे। इंटीरियर एग्रीकल्चर के मॉडल्स,लाइव डेमो एवं लाइट एंड साउंड सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर कृषि से जुड़ी पेंटिंग्स, लकड़ी के मॉडल्स, पत्थर की कलाकृति,कृषि साहित्य के अलावा इसका इंटीरियर भी ऐसा होगा कि अंदर प्रवेश करते ही खेती,किसानी,कृषि,पशुपालन जैसी फीलिंग्स आने लगे। 

रिसर्च में भी होगा फायदा 
म्यूजियम से जहां किसानों को आगे बढ़ाने में सफलता मिलेगी वहीं कृषि विषय पर रिसर्च करने वाले स्टूडैंट्स को भी इसका काफी फायदा होगा। मॉडल्स आदि के जरिए वह पहले और वर्तमान खेती के बारे में जानकारी ले पाएंगे। साथ ही विदेशों में की जाने वाली आधुनिक खेती की जानकारी भी उन्हें मिल पाएगी।

आॢथक हालात सुधारने के साथ जोश, जज्बा पैदा करने की कोशिश
किसानों की आर्थिक हालात ठीक करने के साथ ही उनमें जोश,जज्बा और उत्साह का संचार करने के लिए म्यूजियम की परिकल्पना की गई है। यहां से किसान आधुनिक खेती के गुर सीखेगा वहीं उसे लोन प्रक्रिया,आधुनिक कृषि यंत्र,वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की जानकारी भी मिलेगी। एक हैल्प डैस्क भी बनाएंगे जो किसान की हर प्रकार की मदद कर सके। -प्रो.के.पी.सिंह, कुलपति,एच.ए.यू. हिसार
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!