नारनौल के लोगों में आवारा गौवंश का खौफ

Edited By vinod kumar, Updated: 29 Nov, 2019 01:49 PM

the fear of vagabond cows among the people of narnaul

पिछले कुछ माह से नारनौल के लोग शहर में खुले घूम रहे आवारा गौंवश के कारण खौफ जदा हैं। सुबह से शाम तक सड़कों पर लड़ते सांडों से न केवल निकलने वाले राहगीर व सभी प्रकार के वाहन चालक भय के साये में जी रहे हैं बल्कि दुकानदार भी भयभीत हैं।

नारनौल(पवन): पिछले कुछ माह से नारनौल के लोग शहर में खुले घूम रहे आवारा गौंवश के कारण खौफ जदा हैं। सुबह से शाम तक सड़कों पर लड़ते सांडों से न केवल निकलने वाले राहगीर व सभी प्रकार के वाहन चालक भय के साये में जी रहे हैं बल्कि दुकानदार भी भयभीत हैं।

बीती मंगलवार की रात यहां की नगर परिषद के सामने कुछ सांड आपस में लड पड़े और लड़ते हुए भुरू मिस्त्री नामक एक दुकानदार की दुकान में जा घुसे। इतना ही नहीं दुकान के अंदर लड़ते-लड़ते एक सांड दुकान के अंदर बने एक और छोटे कैबिन में घुस गया, जिसे कई घंटों की मशक्कत के बाद लोगों ने निकाला। लड़ते हुए सांडों को देखकर दुकानदार व ग्राहक ने भागकर जान बचाई अन्यथा किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। इतना कुछ होने के बाद भी न तो जिला प्रशासन और न ही नगर परिषद के अधिकारियों के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी। 

यह कहना है दुकानदारों का 
आसपास के दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने इस हादसे की सूचना पुलिस व नगर परिषद के अधिकारियों को भी दे दी थी लेकिन प्रशासन के स्तर पर किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की गई और लोगों ने अपने स्तर पर ही जान जोखिम में डालकर सांड को काफ ी मशक्कत के बाद दुकान के कैबिन से बाहर निकाला।

 बता दें कि करीब 2 साल पहले प्रदेश सरकार ने प्रदेश स्तर पर आवारा पशु मुक्त अभियान चलाया था जिसके तहत जिला महेंद्रगढ़ में भी अभियान चलाया गया। शुरूआती दिनों में इसका असर धरातल पर दिखाई भी देने लगा था। शहर व बाजारों में आवारा गौवंश काफ ी कम दिखाई देने लग गए थे परंतु समय के साथ अभियान की रफ्तार धीमी पड़ती चली गई। 

अब शहर में टैग लगी गाय व सांड में घूम रहे है। जिससे शहर, बाजार व सड़कों पर फि र से इन बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ गई। इसके बाद प्रशासन ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे यह अभियान अधूरा रह गया जिसके कारण लोगों को काफ ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला महेंद्रगढ़ के कस्बों, बाजारों व सड़कों को आवारा पशु मुक्त करने के लिए अभियान की शुरूआत की गई।

जिसके लिए प्रदेश सरकार ने महेंद्रगढ़ जिला के शहरों गांवों में नंदीशाला तथा गौशालाएं भी बनवाई हैं, ताकि गौवंश सड़कों पर न घूमें और गंदगी में खाने की तलाश न करें परंतु सरकार की ये कोशिशें नाकाम साबित हो गई है क्योंकि इस अभियान को सफ ल बनाने में महेंद्रगढ़ जिला प्रशासन ने धरातल पर कम व कागजी कार्रवाई पर काम ज्यादा किया जिसके चलते महेंद्रगढ़ जिला में आवारा पशु मुक्त अभियान अधूरा रह गया।

सड़कों पर आवारा सांडों का कब्जा
नारनौल मुख्य बाजार हो या अनाज मंडी या फि र बस स्टैंड हो हर कहीं बीच सड़क पर आवारा पशु बैठे मिल जाते हैं। यह पशु दिन-रात सड़कों पर बैठे रहते है जिससे हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है।कई बार सांड आपस में लड़ पड़ते है जिससे लोग भी इनकी चपेट में आ जाते है। कुछ सांड सड़क के बीचोंबीच बैठ जाते है। जिसके कारण वाहन चालकों को जगह नहीं मिला पाती है। जिससे उनको काफ ी परेशानी होती है परंतु इसके बाद भी प्रशासन व नगर परिषद, नगर पालिका इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसके कारण जिला वासियों को काफ ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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