Edited By Isha, Updated: 28 Jul, 2019 10:02 AM
शहर के बाजारों में एक तरफ अतिक्रमण व दूसरी तरफ दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री की समस्या है। ये 2 परेशानियां एक ही समस्या की देन हैं। गंदे नालों के किनारे दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री अतिक्रमण करके ही हो रही है। लेकिन निगम
अम्बाला शहर (मुकेश): शहर के बाजारों में एक तरफ अतिक्रमण व दूसरी तरफ दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री की समस्या है। ये 2 परेशानियां एक ही समस्या की देन हैं। गंदे नालों के किनारे दूषित खाद्य पदार्थों की बिक्री अतिक्रमण करके ही हो रही है। लेकिन निगम प्रशासन इस दिशा में कोई कार्य नहीं कर रहा है। पहले कभी-कभार अतिक्रमण हटाने के नाम पर कार्रवाई हुई भी है लेकिन 2-4 दिन के बाद आलम पहले जैसा हो जाता है। खास बात यह है कि शहर में कई स्थानों पर नगर निगम की दुकानें हैं।
उन सभी के सामने रेहडिय़ां या फुटकर दुकानें लगती हैं। मजे की बात यह है कि नगर निगम की अपनी दुकान का जो किराया होता है उससे कहीं ज्यादा तो महीने में दुकानदार इन दुकानों के आगे रेहड़ी या फड़ी लगवाकर वसूल लेते हैं। नीजि दुकानों के आगे भी यही समस्या है। संबंधित अधिकारी इस दिशा में कोई ध्यान नहीं देते। ऐसे में उनकी भूमिका पर भी लोग सवाल उठाते हैं। नगर निगम के संयुक्त आयुक्त डा. सुशील कुमार ने कहा कि जल्द ही बाजारों में अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
इन जगहों पर अतिक्रमण की समस्या ज्यादा
शहर में कपड़ा मार्किट, रेलवे रोड़, जगाधरी गेट, पुराना सिविल अस्पताल चौक के आसपास, बस स्टैंड के पास, शुक्लकुंड रोड़, मानव चौक, पटेल रोड़ आदि समेत कई स्थानों पर रेहडिय़ां व फुटकर दुकानें लगी हैं यहां दुकानों के आगे अतिक्रमण करके खाद्य पदार्थांे की बिक्री की जा रही है। अतिक्रमण की यह समस्या प्रशासन की नाक के तले बनी हुई है। जहां तक पुलिस कार्रवाई का सवाल है तो ट्रैफिक पुलिस सिर्फ उन्हीं स्थानों पर रेहडिय़ों या फुटकर दुकानों की तरफ ध्यान देती है जहां पर ट्रैफिक के लिए समस्या होती है।
गंदगी से अटे नाले-नालियां
नाले नालियां गंदगी से अटे पड़े हैं। इससे मच्छर-मक्खियां पनप रही हैं। यहां पर सड़क पर लगने वाली रेहडिय़ों से रोजाना जो कूड़ा कचरा निकलना है उसको रेहड़ी वाले नाले में ही डाल देते हैं। इससे स्थिति यह है कि यह नाला गंदगी से अट रहा है। दूर तक बदबू उठती है। इस गंदगी के साथ-साथ ही रेहडिय़ां लगती हैं जिन पर फल बेचे जाते हैं। यहां से रोजाना सैंकड़ों लोग चीजें खरीदते हैं।