Edited By Isha, Updated: 25 Sep, 2019 01:40 PM
हाइडल विभाग की लापरवाही और देखरेख के अभाव में कर्मचारियों के लिए बनाए गए खिजराबाद में रिहायशी भवन खंडहर में तब्दील हो गए हैं। वैसे तो सरकार इस विभाग को ही समाप्त करने की तैयारी कर रही है लेकिन उससे पहले ही विभाग
यमुनानगर (पंकेस): हाइडल विभाग की लापरवाही और देखरेख के अभाव में कर्मचारियों के लिए बनाए गए खिजराबाद में रिहायशी भवन खंडहर में तब्दील हो गए हैं। वैसे तो सरकार इस विभाग को ही समाप्त करने की तैयारी कर रही है लेकिन उससे पहले ही विभाग में न तो खाली पड़े पद भरे जा रहे हैं और न ही कर्मचारियों के रहने के भवनों की रिपेयर करवाई जा रही है जिसके चलते वर्तमान हालत में हाइडल कालानी भूडकलां खंडहर में तबदील होती जा रही है। खंडहर होने की वजह से यहां के भवन नशेडिय़ों के अड्डे बनते जा रहे हैं। कई बार विभाग के द्वारा इस परियोजना के बंद होने का कर्मचारी यूनियनों ने विरोध किया और विभाग के उच्चाधिकारियों के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। हाइडल कालोनी भूड़कलां में देख-रेख के अभाव में अधिकतर 3 मंजिला रिहायशी क्वार्टर खंडहर हुए पड़े है।
इस कालोनी में कुल मिलाकर 250 क्वार्टर है। जिसमें से अभी सिर्फ 75 क्वार्टर ही प्रयोग हो रहे हैं। बता दें कि इस कालोनी का निर्माण 1980 में हुआ था। इस कालोनी का निर्माण हाइडल प्रोजैक्ट लिमिटेड के द्वारा अपने कर्मचारियों के आवास के लिए किया था। हाइडल प्रोजैक्ट लिमिटेड ने अपनेे कर्मचारियों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस कालोनी में डाकघर, डिस्पैंसरी, स्कूल, खेल का मैदान, पार्क व कर्मचारियों को आने-जाने के लिए बस की सुविधाएं आदि सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई हुई थीं। महिलाओं और धार्मिक लोगों के लिए यहां पर एक शिव मंदिर का भी निर्माण करवाया गया था लेकिन धीरे-धीरे कर्मचारी रिटायर्ड होने के कारण यह कालोनी खाली होने लगी और अब इस कालोनी में केवल 75 कर्मचारी रहते हैं।
खाली पड़े मैदान में चरते हैं आवारा पशु
हाइडल कालोनी में बच्चों के खेलने के लिए काफी बड़ा मैदान हैं और कुछ समय पहले तक यहां पर क्रिकेट के खिलाड़ी खेलकर अपने खेल की प्रतिभा को निखारते थे लेकिन समय के अभाव के कारण अब यहां पर केवल आवारा पशु ही चरते दिखाई देते हैं। इस मैदान में आसपास के एरिया से खेल की प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाती थी जहां पर कई-कई दिन तक खेल प्रतियोतिाएं होती थीं। मैदान के चारों ओर लंबी लंबी घास और शरारती किस्म के आवारा लड़के घूमते नजर आते हैं जिसके चलते क्षेत्र में से खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं।
क्या कहते है जे.ई.
जब इस बारे में कालोनी में बने भवनों की देख-रेख कर रहेे जे.ई. अमित से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस कालोनी के दो मुख्य गेट है। यह कालोनी पूरी तरह से सुरक्षित है। यहां पर सिक्योरिटी की पूरी व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि जो भवन खस्ता हालत में है उसको तोड़कर वहां पर सोलर प्लांट लगाया जाएगा।