आरोपी पुलिसकर्मी पर नहीं हो रहा मामला दर्ज, शादीशुदा होते हुए भी झूठ बोलकर की दूसरी शादी

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 02 Apr, 2018 10:59 AM

the case is not happening on the accused policeman

महिला उत्पीडऩ से होने वाले वाले मामलों को लेकर कैथल पुलिस चाहे कितनी भी संजीदा हो, लेकिन जब रेप जैसे आरोप अपने ही विभाग के मुलाजिम और वो भी एस.पी. कार्यालय में तैनात कर्मचारी पर लगे तो उसमें कैथल पुलिस की कार्रवाई ढीली पड़ती नजर आती है। ऐसा ही एक...

कैथल(ब्यूरो): महिला उत्पीडऩ से होने वाले वाले मामलों को लेकर कैथल पुलिस चाहे कितनी भी संजीदा हो, लेकिन जब रेप जैसे आरोप अपने ही विभाग के मुलाजिम और वो भी एस.पी. कार्यालय में तैनात कर्मचारी पर लगे तो उसमें कैथल पुलिस की कार्रवाई ढीली पड़ती नजर आती है। ऐसा ही एक मामला कैथल शहर को देखने को मिला है।

शहर निवासी एक महिला ने बताया कि उसका अपने पति के साथ तलाक का केस चल रहा है। एक शिकायत के सिलसिले में उसकी मुलाकात एस.पी. कार्यालय में तैनात पुलिस कर्मचारी रविंद्र से हुई थी। उसके बाद उससे फोन पर बातचीत करने लगा और बातचीत कुछ ही दिनों मुलाकात में बदल गई। महिला का आरोप है कि पुलिस कर्मचारी ने उसे बताया था कि वह अनमैरिड है और उससे शादी करना चाहता है। 

शादी का झांसा देकर आरोपी उससे करीब 2 वर्ष से गलत काम करता रहा। जब भी वह आरोपी को शादी के लिए कहती तो वह उसकी बातों को टाल देता। आरोपी पर शादी के लिए दबाव बनाया तो उसने 21 नवम्बर 2017 को आर्य समाज मंदिर कैथल में रजिस्टर शादी कर ली। इस शादी के 2 गवाह और विवाह प्रमाण पत्र भी है। 

महिला का आरोप है कि करीब 1.5 माह पहले उसे पता चला कि आरोपी पुलिस कर्मचारी शादीशुदा है और उसके पास 5 माह का एक बेटा भी है। जब उसने आरोपी पुलिस कर्मचारी से इस धोखे के बारे में पूछा तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और उसके बाद उसे छोड़कर चला गया।

17 मार्च को डी.एस.पी. को दी थी पहली शिकायत
पीड़िता का कहना है कि अपने साथ हुए रेप कि शिकायत देने के लिए 17 मार्च को एस.पी. कार्यालय गई थी लेकिन उस दिन एस.पी. कार्यालय में नहीं थी। इसके बाद उसने मामले की शिकायत डी.एस.पी. रामकुमार को सौंप दी। डी.एस.पी. ने मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन 5 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो वह 22 मार्च को डी.एस.पी. कार्यालय में गई और अपनी शिकायत के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने कहा कि आपकी शिकायत इंक्वारी के लिए गई है।

गूगल पर सर्च कर लिया एस.पी. का मोबाइल नंबर
पीड़िता का कहना है कि जब उसकी शिकायत पर 5 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह 22 मार्च को एस.पी. से मिलने के लिए सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में शिकायत लेकर पहुंची, तो उसे बताया गया कि मैडम छुट्टी पर है। वह 23 मार्च को दोबारा गई तो कहा गया कि एस.पी. मैडम आज जालंधर गई है। 

महिला का आरोप है कि कई पुलिसकर्मी उसे जानते थे, इसलिए जानबूझकर उसे आरोपी पुलिसकर्मी आप्रेटर के कहने पर ही एस.पी. मैडम से नहीं मिलने दिया जा रहा था। 26 मार्च को उसने स्वयं गूगल पर एस.पी. कैथल का नंबर ढूंढा और अपनी कहानी बताई। एस.पी. मैडम ने कहा कि आप कल आ जाओ। 27 मार्च को वह एस.पी. से मिलने गई तो करीब 2 घंटे तक इंतजार करने के बाद बड़ी मुश्किल से एस.पी. कार्यालय में जाने दिया गया। एस.पी. से मिलकर पीड़िता ने अपनी शिकायत दी। एस.पी. ने कहा कि आरोपी के खिलाफ अवश्य कार्रवाई होगी।

दादी को 5 पुलिस कर्मियों ने धमकाया
पीड़िता का आरोप है कि 25 मार्च को 3 महिला पुलिसकर्मी व 2 पुरुष पुलिसकर्मी उसके घर आए और उसकी 85 वर्षीय दादी को धमकी देकर आए कि अगर आपकी पोती ने शिकायत वापस नहीं ली तो इसका अंजाम बुरा होगा और आपकी पोती को भी किसी केस में फंसा देंगे। जब पीड़िता ने महिला ए.एस.आई. से पूछा कि वे क्यों उसके घर आए थे तो ए.एस.आई. ने कहा कि वे तो आपका मोबाइल नंबर लेने आए थे क्योंकि जो शिकायत में नंबर लिखा है, वह गलत है लेकिन पीड़िता ने ए.एस.आई. से कहा कि मोबाइल नंबर लेने के लिए एक पुलिसकर्मी भी आ सकता था लेकिन 5-5 पुलिसकर्मी घर जाकर नंबर लेने नहीं, बल्कि डराने आए थे।

पुरुष रीडर ने लिए महिला पीड़िता के बयान
पीड़िता का आरोप है कि डी.एस.पी. के रीडर ने उसे बयान लेने के लिए बुलाया गया लेकिन बयान लेने के लिए कोई महिला कर्मचारी नहीं थी, बल्कि स्वयं रीडर ने ही उसके बयान लिए और उल्टे-सीधे बयान लेने लगा। 

इस पर पीड़िता ने रीडर को टोकते हुए कहा कि ऐसे बयान तो वह महिला कर्मचारी को ही देंगी तो इस पर रीडर ने कहा कि ‘अच्छा तो आप जवाब नहीं देना चाहती हैं तो मैं ये लिख देता हूं कि आप इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती’, लेकिन पीड़िता ने कहा कि हम सभी सवालों का जवाब देना चाहते हैं लेकिन किसी महिला पुलिसकर्मी को ही इन सवालों का जवाब दे सकते हैं, किसी पुरुष को नहीं। 

इसके बाद पीड़िता ने डी.एस.पी. के रूप में जाकर सवाल जवाब किए तो रीडर ने महिला पुरुषकर्मी को बुला लिया। पीड़िता का आरोप है कि बयान लेने के दौरान रीडर ने उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करनी चाही। उसने रीडर को रिकॉर्डिंग करते हुए देख लिया तो उसे ऐसे करने से रोक दिया।

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