Edited By vinod kumar, Updated: 15 Feb, 2021 09:38 PM
जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का, ये लाइनें सिरसा के नौहरिया बाजार में रहने वाले 10 साल की इस मेधांश पर बिल्कुल फिट बैठती हैं, क्योंकि मेधांश की आंखों में भले ही बचपन से रोशनी नहीं हैं, लेकिन दिल और दिमाग में इतना...
सिरसा (सतनाम): जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का, ये लाइनें सिरसा के नौहरिया बाजार में रहने वाले 10 साल की इस मेधांश पर बिल्कुल फिट बैठती हैं, क्योंकि मेधांश की आंखों में भले ही बचपन से रोशनी नहीं हैं, लेकिन दिल और दिमाग में इतना उजाला है कि उसकी चमक को आज दुनिया सलाम कर रही है। 10 साल का मेधांश इतना इंटेलिजेंट है, कि उसका दिमाग कैलेंडर की तरह काम करता है।
यानी 30 साल बाद, या 30 साल पहले कौन सी तारीख पर कौन सा वार होगा, इसकी जानकारी कुछ ही पल में मेधांश दे देता है। मेधांश की इस काबलियत के चलते उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, साथ ही उसे कैलेंडर बॉय की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है।
मेधांश ने बताया की जब इंडिया बुक की ज्यूरी ने सालों पुरानी करीब 100 तारीखें पूछीं, और उसके जवाब उसने बखूबी से दिए, जिसके बाद मेधांश की कामयाबी का लोहा मानते हुए उसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का अवार्ड दिया गया। हालांकि, मेधांश आईएएस बनना चाहता है, और अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है, लेकिन मेधांश की मां का कहना है कि ये सब मेधांश की मेहनत और लगन का नतीजा है।
बता दें कि मेधांश बचपन से ही देख नहीं सकता है, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे कभी भी विशेष स्कूल में पढ़ाने के लिए नहीं भेजा। परिवार का कहना है कि वो नहीं चाहते कि कोई भी उनके बच्चे को दिव्यांग कहे, इसलिए वो शुरू से ही उसे सामान्य स्कूल में पढ़ा रहे हैं। फिलहाल, मेद्यांश अभी 5वीं क्लास में है, और नेत्रहीन होने के बावजूद उसका हौसला इतना बुलंद है कि वो आईएएस बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है।
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