दुष्कर्म के आरोपियों को केंद्र के कानून अनुसार मिलेगी सजा

Edited By Deepak Paul, Updated: 09 Nov, 2018 10:25 AM

the accused will get punishment according to the law

हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दुष्कर्म के आरोपियों को कठोर सजा दिए जाने के संबंध में पारित किए गए कानून को अभी हरियाणा में लागू नहीं किया जा सकता है। यहां केंद्र सरकार द्वारा लागू कानून के तहत ही कार्रवाई होगी। पंजाब एवं हरियाणा...

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दुष्कर्म के आरोपियों को कठोर सजा दिए जाने के संबंध में पारित किए गए कानून को अभी हरियाणा में लागू नहीं किया जा सकता है। यहां केंद्र सरकार द्वारा लागू कानून के तहत ही कार्रवाई होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने एक आर.टी.आई. से ली जानकारी के आधार पर यह दावा किया है।

हेमंत कुमार ने जारी एक जानकारी में बताया कि 3 माह पहले 11 अगस्त को राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित दंड विधि (संशोधन) विधेयक, 2018 को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी जिसके पश्चात यह  औपचारिक विधिवत कानून बन गया। यह पूरे देश में इस वर्ष 21 अप्रैल से ही लागू हो गया था। 

हरियाणा ने इस वर्ष मार्च माह में हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन पारित किए गए दंड-विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 का परित्याग करने और संसद के उक्त कानून को ही अपनाने का फैसला किया, क्योंकि हरियाणा के विधेयक में मौजूद बलात्कार की सजा से संबंधित कड़े किए गए प्रावधानों को संसद द्वारा पारित कानून में न केवल सम्मिलित किया गया है।

यह है पूरा मामला 
अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित विधेयक में 2 प्रावधान ऐसे संशोधित किए गए जो संसद द्वारा संशोधित कानून में नहीं हैं। जिसके अनुसार आई.पी.सी. की धारा 354 (लज्जा-भंग करना) में वर्तमान वॢणत कारावास सजा को बढ़ाकर दोनों में से किसी भी भांति का कम से कम 2 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष करने का फैसला लिया गया। वर्तमान में इसमें कम से कम एक वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष का कारावास का प्रावधान है।

इसके अलावा धारा 354 डी-2 (महिला का पीछा करना) में भी दूसरी बार एवं उसके अधिक बार दोषी पाए जाने पर दोनों में से किसी भांति के कारावास की अवधि अधिकतम 7 वर्ष कर दी गई है। हेमंत कुमार ने बताया कि राज्य विधानसभा में पास होने के बाद दंड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 हरियाणा के राज्यपाल के पास गया जहां से महामहिम द्वारा उसे गृह मंत्रालय को भेजा जाना चाहिए था, ताकि इस पर भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति ली जा सके। वर्तमान परिस्थितियों में  हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को अगर राष्ट्रपति महोदय की स्वीकृति मिल भी जाती, फिर भी उसका आंशिक अनुपालन नहीं हो सकता

 हेमंत ने हरियाणा के राजभवन में एक आर.टी.आई. दायर कर हरियाणा विधानसभा द्वारा इस वर्ष मार्च माह में पारित विधेयक के मौजूदा स्टेटस के बारे में सूचना प्रदान करने की मांग की है। हेमंत ने यह भी जानकारी मांगी है कि क्या हरियाणा सरकार राज्य विधानसभा द्वारा विधिवत रूप से पारित किसी विधेयक को, ऐसे में जब राज्यपाल या राष्ट्रपति महोदय ने उस पर हस्ताक्षर नहीं किए हो, ऐसी परिस्थिति में उसे अपने तौर पर ही वापस लेने का निर्णय ले सकती है

 उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई सरकार विधानसभा में कोई विधेयक पेश करती है एवं सदन उसे पारित कर देता है, तो उस विधेयक को वापस लेने का अधिकार भी विधानसभा के पास होता है। अधिवक्ता हेमंत ने मांग की है कि सरकार को नया दंड संशोधन विधि विधेयक लाना चाहिए।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!