13 वर्षो से फरार हत्यारोपी काबू, पहचान बदल कर राजस्थान के गांवों में रह रहा था आरोपी

Edited By Manisha rana, Updated: 22 Oct, 2020 11:00 AM

the absconding killer was under control for 13 years

कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है और यह आरोपी को पाताल में से भी निकाल लाता है ।यह शब्द अक्सर फिल्मों में सुनने को मिलते है ।लेकिन यह शब्द मात्र डायलॉग ...

ऐलनाबाद (भार्गव ) : कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है और यह आरोपी को पाताल में से भी निकाल लाता है ।यह शब्द अक्सर फिल्मों में सुनने को मिलते है ।लेकिन यह शब्द मात्र डायलॉग तक नही रह जाते बल्कि ऐलनाबाद पुलिस  ने हत्या के आरोप में फरार एक आरोपी को 13 वर्षो बाद पकड़ने पर पुलिस को मिली सफलता पर सच साबित होते है। 19 वर्ष पूर्व शहर के वार्ड 6 में उधार न देने पर एक दुकानदार की तेजधार से हत्या कर दी गई थी।

बताया जा रहा है कि हत्या के जुर्म की सजा काटने के दौरान जमानत मिलने पर फरार हुए आरोपी को ऐलनाबाद पुलिस ने राजस्थान के बीकानेर जिला के थाना पूगल के एक गांव से 13 वर्षो बाद गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी वहां अपनी पहचान बदल कर रह रहा था। पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने फिर से जेल भेज दिया गया है।

इस संबंध में थाना प्रभारी ओम प्रकाश बिश्नोई ने बताया कि वर्ष 2001 में शहर के वार्ड नंबर 6 मोहन सिंह (मोनू) पुत्र प्रकाश ने एक दुकानदार महावीर को उधार में सामान न देने पर तेजधार हथियार से वार करके कत्ल कर दिया था। इस मामले में मृतक दुकानदार महावीर की पत्नी की शिकायत पर आरोपी मोहनसिंह मोनू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय पुलिस ने आरोपी मोहन सिंह को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने उसे आरोपी मानते हुए जेल भेज दिया था।

वर्ष 2007 में पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में की गई जमानत की एक अपील के आधार पर मोहन सिंह मोनू को स्थानीय कोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। लेकिन आरोपी वापस जेल नहीं आया। थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि वर्ष 2007 से ये लेकर अब तक उक्त आरोपी मोहन सिंह मोनू लगातार फरार चल रहा था। जिसके चलते कोर्ट ने वर्ष 2018 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। उन्होंने बताया कि आरोपी बीकानेर जिले के एक गांव में पहचान छुपा कर दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। पुलिस से बचने के लिए वह राजस्थान व पंजाब के कई जिलों में घूमता रहा व अलग अलग तरह का काम  करता रहा। पिछले 14 साल तक वह पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते रावला, घड़साना, पदमपुर, रायसिंहनगर में खेती का काम करता रहा बाद में हलवाई का काम करने लगा।

लॉकडाउन के बाद हलवाई का काम बंद हो जाने पर वह लकड़ी का काम करने लगा। इन दिनों वह रावला के वार्ड नंबर 4 में अपनी बहन के पास रहता था। अब कोर्ट के आदेश पर सब इंस्पेक्टर जगदीश राय के नेतृत्व वाली टीम ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके जन्मस्थान पंजाब के जिला फाजिल्का के थाना खुइंया सरवर के दानेवाला से कड़ियां जोड़नी शुरू की तो पता चला कि आरोपी के 7 भाई और 6 बहने है। मृतक दुकानदार महावीर की हत्या के बाद आरोपी मोहनसिंह मोनु की पत्नी उसे छोड़ कर चली गई। आरोपी का एक बेटा भी किसी अन्य हत्या के मामले में श्रीगंगानगर की जेल में सजा काट रहा है और मोहन सिंह मोनू रावला में अपनी बहन के पास नाम और पहचान बदल कर रह रहा है। पुलिस ने उसे वही से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

 

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