हरियाणा में बंद होंगे भ्रष्टाचार के ‘अड्डे': CM

Edited By Deepak Paul, Updated: 19 Apr, 2018 11:18 AM

the  base  of corruption will be stopped in haryana cm

ओवरलोडिंग को खत्म करने के लिए जहां प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है, वहीं 2 ट्रांसपोर्टरों के बीच फोन की बातचीत का वायरल हुआ ऑडियो सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा रहा है। ऑडियो में यह भी कहा जा रहा है कि सी.एम. खट्टर द्वारा जल्द ही प्रदेश में...

अम्बाला(ब्यूरो): ओवरलोडिंग को खत्म करने के लिए जहां प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है, वहीं 2 ट्रांसपोर्टरों के बीच फोन की बातचीत का वायरल हुआ ऑडियो सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा रहा है। ऑडियो में यह भी कहा जा रहा है कि सी.एम. खट्टर द्वारा जल्द ही प्रदेश में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण कार्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। महीने में एक बार चालान कटा कर क्षमता से 20 टन तक अधिक माल की ढुलाई की जा सकेगी।

इस ऑडियो में ट्रांसपोर्टर अपने साथी को बता रहा है कि उसकी सीधे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात हुई है। उसने सी.एम. को बताया कि किस तरह नाकों पर ओवरलोड वाहन निकालने के नाम पर एंट्री वसूली जाती है। काफी देर तक चली बातचीत में ट्रांसपोर्टर ने कहा कि उसने सी.एम. को बताया कि अगर सरकार ओवरलोड वाहनों से माह में एक बार 20 हजार रुपए की वसूली करके 20 टन तक अतिरिक्त माल ढोने की छूट प्रदान करे, तो इससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल सकता है। 

आर.टी.ए. अधिकारियों का ‘मंथली’ का खेल हो सकता है बंद। 
वह बता रहा है कि बातचीत के बाद सी.एम. इस बात पर सहमत हो गए कि महीने में वाहन चालक 10 टायर वाले ट्रक की 20 हजार रुपए की पर्ची अपनी मर्जी से कटवा कर 15 टन क्षमता वाले वाहन में 35 टन तक वजन ले जा सकता है। इस समय उनके वाहनों के महीने में 3 से 4 बार चालान कट जाते हैं। एक बार अपनी मर्जी से चालान कटवाने के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं आएगी। 

वह यह भी बता रहा है कि सी.एम. को जब इस बात की जानकारी मिली कि ओवरलोङ्क्षडग नहीं रुक पा रही है तो वे आर.टी.ए. कार्यालयों को ही अगले 6 माह में बंद करने पर सहमत हो गए। इसके पीछे उनका तर्क यह बताया गया कि आर.टी.ए. कार्यालय के लगभग सभी कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं। लोग ऑनलाइन अपने काम करा सकते हैं तो इन कार्यालयों की कोई आवश्यकता नहीं होगी। ऑडियो में हुई बातचीत में अगर वास्तविकता है तो यह भाजपा सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है। 

सरकार की सख्ती के बाद अधिकारी ओवरलोडिंग रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। खुद परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ऐसे वाहनों की जांच करते रहे हैं। गत दिनों उन्होंने नेशनल हाइवे-8 पर कई वाहनों के चालान कटवाए थे। ऐसे वाहनों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे में ऑडियो की वास्तविकता पर भी सवाल उठ रहे हैं। वास्तविकता वहां जरूर नजर आ रही है कि खुद सी.एम. से मिलने का दावा करने वाला ट्रांसपोर्टर अपने दूसरे साथी को कहता है कि वह अपने आसपास के जिलों के वाहन मालिकों तक यह संदेश पहुंचाए और अपने जिले में ऐसे वाहनों की सूची तैयार करवाए ताकि उनके लिए व्यवस्था कराई जा सके।

दुस्साहस करते हैं चालक
प्रदेश में सबसे अधिक ओवलोङ्क्षडग खनन वाले इलाकों में होती है। राजस्थान से दिल्ली-जयपुर मार्ग पर बड़ी संख्या में ओवरलोडिड वाहन भवन निर्माण सामग्री लेकर आते हैं। यह वाहन आगे गुरुग्राम, फरीदाबाद व दिल्ली की ओर जाते हैं। पुलिस और दूसरे अधिकारी जब ऐसे वाहनों को रुकवाने का प्रयास करते हैं, तो वाहन चालक उनके वाहनों को टक्कर मारने और कर्मचारियों पर वाहन चढ़ाने का प्रयास करते हैं। ऐसे वाहन चालक कई पुलिस कर्मियों को घायल कर चुके हैं। रेवाड़ी में एक जे.ई. की हत्या ऐसे ही वाहन से कुचल कर कर दी गई थी। 

क्या होगा पी.पी.पी. एक्ट का
अगर ऑडियो सही है तो आने वाले समय में खुद ही प्रिवेंशन ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धज्जियां उडऩे लगेंगी। यह एक्ट सरकार ने बेकाबू हो रहे ओवरलोड वाहन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए बनाया था। पहले ऐसे वाहनों के चालकों के खिलाफ कार्रवाई होती थी। एक्ट बनने के बाद वाहन को जब्त करने और चालक के साथ-साथ मालिक के खिलाफ भी केस दर्ज करने का प्रावधान किया गया था। इससे ओवरलोडिंग पर कुछ हद तक लगाम लग गई थी। इस कानून को दरकिनार किया जाना इतना आसान नहीं है।

कृष्ण लाल पंवार, परिवहन मंत्री
ओवरलोडिड वाहनों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे वाहनों के खिलाफ पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है। ऑडियो के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। 

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