Edited By Isha, Updated: 08 Jul, 2020 02:06 PM
वर्ष 2010 में लगे 1983 शारीरिक शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर लगातार धरनारत कर्मचारियों ने नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। आंदोलनकारियों का नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलाबाग जांगड़ा ने किया।
भिवानी(अशोक): वर्ष 2010 में लगे 1983 शारीरिक शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर लगातार धरनारत कर्मचारियों ने नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। आंदोलनकारियों का नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलाबाग जांगड़ा ने किया। कर्मचारी नेता दिलबाग, राजेश व पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि दूसरों का भविष्य संवारने वाले हरियाणा शारीरिक शिक्षक आज अपनी बहाली के लिए सड़कों पर है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब नया फरमान जारी किया है ,कि टैस्ट लिया जाएगा,लेकिन हम सरकार के इस फरमान का विरोध करते हैं। जो व्यक्ति मर चुके हैं वे टैस्ट में कैसे शामिल होंगे और हमारी उम्र 55 हो गई क्या हम अब टैस्ट ही देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब टैस्ट नही आंदोलन तेज होगा और यह आंदोलन एक तूफान बनेगा, जिसका सामना प्रदेश सरकार को करना होगा।
अध्यापकों ने कहा कि कल कैबिनेट की बैठक में भी शारीरिक शिक्षकों के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिस कारण उनमें रोष है। भजपा सरकार से आज सभी वर्ग दुखी हैं। सरकार ने जो वायदे किए थे उनको पूरा करने की बजाए वे सरकारी विभागों को उजाड़ने पर तुली हुई। आज लगभग सभी विभागों का निजीकरण कर दिया गया जिसका सीधा असर आम आदमी पड़ा है। वे अब जल्द ही सभी जनसंगठनों के साथ मिलकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। महिला अध्यापकों ने दुख जताते हुए कहा कि हमारा घर नौकरी से चलता था, इसके बाद अब हम कही के नही रहे।