Edited By Deepak Paul, Updated: 15 Jul, 2018 01:37 PM
अलग तरह की समस्या से पीड़ित टीबी मरीजों के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। विभाग अब ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हेें बेहद महंगी व कारगर दवा बेडाक्यूलीन देने का फैसला किया है। बताया गया है कि छह माह तक चलने वाले इस कोर्स में 280...
गुडग़ांव (ब्यूरो): अलग तरह की समस्या से पीड़ित टीबी मरीजों के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। विभाग अब ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हेें बेहद महंगी व कारगर दवा बेडाक्यूलीन देने का फैसला किया है। बताया गया है कि छह माह तक चलने वाले इस कोर्स में 280 गोलियां खानी होगी जिसकी बाजारू कीमत तकरीबन 6 रुपए बताई गई है। लेकिन विभाग पहचाने गए ऐसे मरीजों नि:शुल्क दवाएं प्रदान करेगा। अधिकारियों की मानें तो टीबी मरीजों की अलग अलग कैटेगरी निर्धारित की जाती है जिसमें से एक ऐसी कैटेगरी होती है जिन्हे बेडाक्यूलीन दवाएं दी जाएगी। बताया जाता है कि पहली बार मरीजों के लिए इंतनी महंगी दवा देने की शुरूआत होगी।
जिसमें पहचाने गए मरीजों को पहले जांच के लिए पीजीआई रोहतक भेजा जाएगा।
जहां जांच की पुष्ठि होने के बाद उन्हेें दोबारा संबंधित जिलों के सिविल अस्पताल भेजा जाएगा। अधिकारियों की मानें तो दवा की ताकत ज्यादा होने के कारण इसका प्रयोग खास करके बच्चों व गर्भवती महिलाओं पर लागू नही होंगी लेकिन पहचान में पुष्ठ किए गए मरीजों की सूची बनाकर उन्हेें दवाएं प्रदान की जाएगी। चिकित्सकों की मानें तो 2300 से अधिक टीबी मरीज की पहचान की गई। जबकि नई गाइड लाइन के मुताबिक जांच में यदि ऐसे मरीजों की पहचान होती है तो उन्हेें बेडाक्यूलीन नि:शुल्क प्रदान की जाएगी। विशेषज्ञों की मानें तो 20 प्रतिशत मरीज कोर्स पूरा होने से पहले ही दवाएं बीच में छोड़ देते है जिससे वे दोबारा टीबी से पीड़ित हुए बताए गए है। जिसे लेकर मरीजों को दवाएं खाने व कोर्स पूरा करने के लिए विभाग द्वारा समय समय पर स्टाफ नर्स व आशा वर्करों द्वारा प्रेरित किया जाता है।
इसके अलावा सीएचसी व पीएचसी से दूर रहने वाले मरीजों को उनके घर तक जाकर दवाएं खिलाने के निर्देश दिए गए है।नई दवाओं का कोर्स 6 माह तक का होगा जिसमें कुल 280 टैबलेट होगें। बताया गया है कि इसे लेकर मुख्यालय की ओर से निर्देश आ चुके है मरीजों की पहचान उन्हेेंं दवाएं देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी।