स्वाइन फलू: पीजीआई रोहतक में इलाज के दौरान दो की मौत

Edited By Deepak Paul, Updated: 13 Jan, 2019 05:11 PM

swine flu pgi rohtak dies in treatment during treatment

देश में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को स्वाइन फ्लू से रोहतक और दादरी के दो मरीजों की मौत हो गई, जबकि इस सीजन में अब तक 28 मरीज इसकी चपेट आ चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग जिले में महज पांच मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव होने का...

रोहतक(ब्यूरो): प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को स्वाइन फ्लू से रोहतक और दादरी के दो मरीजों की मौत हो गई, जबकि इस सीजन में अब तक 28 मरीज इसकी चपेट आ चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग जिले में महज पांच मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव होने का दावा कर रहा है। कागजों में इंतजाम करने वाले इस विभाग ने स्वाइन फ्लू से किसी की भी मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पीजीआईएमएस ने दो लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। इंतजाम नाकाफी होने के चलते कुछ डॉक्टर और स्टाफ भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके हैं। 

स्वास्थ्य विभाग के स्वाइन फ्लू से लोहा लेने के सभी दावे कागजों और बयानों में सिमट कर रहे गए हैं, क्योंकि आइसोलेटेड उपचार कक्ष का कहीं पर भी इंतजाम नहीं है। कहने के लिए जिला अस्पताल में शनिवार और रविवार को अतिरिक्त ओपीडी चलाई जा रही है। जिला अस्पताल में कोई वेंटिलेटर सुविधा नहीं है। वहीं बात पीजीआईएमएस की करें तो यहां आपात विभाग में 14 वेंटिलेटर हैं और इसमें से भी 12 ही चल रहे हैं। पीजीआईएमएस में पहले से ही ओवरलोड चल रहे आईसीयू पर अब स्वाइन फ्लू के मरीजों का बोझ आ गया है। अब सवाल यह है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए आईसीयू में अलग से कक्ष तक नहीं है। इसके चलते सामान्य मरीजों को भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। पुख्ता इंतजाम न होने के कारण सूत्रों का दावा है कि डॉक्टर और स्टाफ भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए हैं। अब पीजीआईएमएस प्रशासन जल्द ही सभी का वैक्सीनेशन करने की तैयारी कर रहा है।

दो मरीजों की हो चुकी है मौत : डॉ. ध्रुव
पीसीसीसएम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव चौधरी ने बताया कि अब तक दो स्वाइन फ्लू के मरीजों की मौत हो चुकी है। ये स्वाइन फ्लू के अलावा मल्टी आर्गेन फेलियर वाले केस थे। एक मरीज की तो लीवर, किडनी तक फेल थी और उसका कैंसर का उपचार चल रहा था। जबकि दूसरा मरीज भी मल्टी आर्गेन फेलियर का था। मरीजों की मौत होने के बाद इनकी रिपोर्ट आई कि ये स्वाइन फ्लू पॉजिटिव हैं। डॉ. चौधरी ने बताया कि फरवरी तक स्वाइन फ्लू से बचने की जरूरत है। 

लोग घबराए नहीं, जागरूक होकर बचें 
डॉ. ध्रुव चौधरी ने बताया कि लोगों को इससे घबराए नहीं चाहिए, बल्कि जागरूक होकर इससे बचें। 100 में से पांच मरीज को ही इसमें अति गहन उपचार की जरूरत होती है। लोगों को चाहिए कि वह अधिक एक्सपोजर से बचें और समस्या होने पर जांच कराएं और दवा शुरू करें। देखने में आ रहा है कि जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, वही लोग इसका शिकार हो रहे हैं। गर्भवती महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग इन दिनों अपना खास ख्याल रखें। संस्थान में ज्यादातर मरीज हिसार, भिवानी और फतेहाबाद से आ रहे हैं। 

119 संदिग्ध मरीजों की जांच में 28 मिले ग्रस्त
स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा कुछ भी कहता हो, लेकिन पीजीआईएमएस की वायरल लैब की मानें तो इस सीजन में अब तक 119 संदिग्ध मरीजों के स्वाइन फ्लू की जांच की गई है। इसमें 28 को स्वाइन फ्लू मिला व 23 को दूसरा फ्लू मिला है। इस बार स्वाइन फ्लू मैक्सिकन स्ट्रेन है। इसकी खोज मैक्सिको में हुई थी। यह पांच फीसदी मरीजों के लिए खतरनाक है। 

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