स्वाइन फ्लू दे सकता है दस्तक, स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट

Edited By vinod kumar, Updated: 04 Jan, 2020 01:44 PM

swine flu may knock health department alerts

स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सतर्क हो गया है। बीते माह जनवरी व फरवरी माह में आए केसों को ध्यान में रखते हुए जिला सिविल सर्जन ने सख्त दिशा-निर्देश देते हुए टीम गठित की है। बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश में दिसम्बर अंत में व जिले में...

रोहतक(मैनपाल): स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सतर्क हो गया है। बीते माह जनवरी व फरवरी माह में आए केसों को ध्यान में रखते हुए जिला सिविल सर्जन ने सख्त दिशा-निर्देश देते हुए टीम गठित की है। बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश में दिसम्बर अंत में व जिले में जनवरी माह से स्वाइन फ्लू के केस आने शुरू हुए।

शुक्रवार को सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों को सूचित कर दिया गया है कि स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट तुरंत सिविल सर्जन कार्यालय में भेजे, पी.जी.आई. रोहतक की लैब में सैंपल जांच होने के बाद स्वाइन फ्लू केस पॉजीटिव माना जाएगा। अब स्वाइन फ्लू के नाम पर निजी अस्पताल मरीज को बरगला नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर, कोई भी अस्पताल इसकी जानकारी छिपाने व दबाने का प्रयास करेंगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, इस संदर्भ में सरकार की ओर से आई गाइड लाइन भी जारी की जा चुकी है। 

स्वास्थ्य विभाग की उड़ी नींद  
स्वाइन की आहट ने स्वास्थ्य विभाग की सांसें फुला दी हैं। विभाग की ओर अलर्ट जारी कर दिया है ताकि वायरस के सक्रिय होने के पहले ही उसे कमजोर करने में कामयाब हो सके। जिला स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक डा. विवेक मोर ने बताया स्वाइन फ्लू एन1-एच1 वायरस से फैलता है। इसका वायरस हल्की सर्दी में सक्रिय हो जाता है, जबकि ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी में कम प्रभावी रहता है।

11 माह में हुए 3000 मरीजों के टैस्ट
स्वाइन फ्लू के जनवरी व फरवरी माह सबसे पीक सीजन माना जाता है। बीते वर्ष लगभग 125 स्वाइन फ्लू पॉजीटिव केस आए थे, जिनमें से आधे से अधिक केस जनवरी व फरवरी माह में आए थे। हालांकि, पिछले 3-4 माह में कोई स्वाइन फ्लू केस नहीं आया है, वहीं पिछले 11 महीने पी.जी.आई. में लगभग 3 हजार मरीजों में स्वाइन फ्लू को लेकर टैस्ट किए गए हैं।

संभव है इलाज
पी.जी.आई.एम.एस. मैडीसन विभागाध्यक्ष डा. ध्रुव चौधरी ने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर सबसे पहले घबराने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है। पी.जी.आई. में इससे निपटने के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 100 में से लगभग 5 से 7 मरीजों को ही विशेष तरह के उपचार की आवश्यकता पड़ती है बाकी दवाइयों से ही ठीक हो जाते हैं, बस स्वाइन फ्लू को लेकर जागरूकता जरूरी है।

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