Edited By Deepak Paul, Updated: 01 May, 2018 12:13 PM
हरियाणा सरकार की तरफ से खनन के लिए 558.53 हेक्टेयर भूमी नीलाम करने का वायदा किया लेकिन केवल 141.76 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करवाई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा कि अाप जनता को हमेशा मूर्ख नहीं बना सकते हैं। शीर्ष...
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार की तरफ से खनन के लिए 558.53 हेक्टेयर भूमी नीलाम करने का वायदा किया लेकिन केवल 141.76 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करवाई गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा कि अाप जनता को हमेशा मूर्ख नहीं बना सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि हरियाणा सरकार सत्ता में है इसलिए हरबात के लिए लोगों पर दोष नहीं मढ़ सकते।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता ने राज्य सरकार द्वार जारी एक सर्वजनिक सूचना पर नाखुशी जताई है, जिसमें 558.53 हेक्टेयर भूमी की नीलामी की जानकारी दी गई है। याचिकार्ता कंपनी की याचिका पर गौर करने के बाद सप्रीम कोर्ट ने पाया कि कंपनी जमा रकम वापस पाने की हकदार है। कोर्ट ने राज्य को नौ फीसदी ब्याज सहित पूरी रकम कंपनी को लौटाने का अादेश दिया है। अदालत ने कहा कि विज्ञापन में दिखाई गई जमीन और उपलब्ध जमीन में भारी गड़बड़ी है। कंपनी ने करनाल जिले में नीलामी की जमीन का कब्जा लेने से इनकार कर दिया था. हरियाणा सरकार के कील ने जब कहा कियह कमपनी की जिमम्वारी थी कि वह इसका पता लगाती कि जमीन वास्तव में 558.53 हेक्टेयर थी या नहीं।