Edited By Rakhi Yadav, Updated: 08 Jun, 2018 02:54 PM
हरियाणा की सहकारी चीनी मिलों ने पिराई मौसम 2017-18 के दौरान 497.96 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करने का नया रिकार्ड दर्ज किया है। सीधे किसानों की आर्थिक व्यवस्था से जुड़े गन्ने के मामले में हरियाणा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब को शूगर रिकवरी....
चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा की सहकारी चीनी मिलों ने पिराई मौसम 2017-18 के दौरान 497.96 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करने का नया रिकार्ड दर्ज किया है। सीधे किसानों की आर्थिक व्यवस्था से जुड़े गन्ने के मामले में हरियाणा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब को शूगर रिकवरी प्रतिशत में भी पीछे छोड़ दिया है। वहीं, करीब 80 फीसदी किसानों की पेमैंट सीधे उनके खाते में डाल दी गई है।
सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक 330 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का रेट किसानों को दिया जा रहा है। उन्हीं कदमों का नतीजा है कि इस बार रिकॉर्ड 497.96 लाख क्विंटल पिराई हो चुकी है जबकि साल 2016-17 में 398.97 लाख क्विंटल पिराई दर्ज की गई थी।
इस बार चीनी का उत्पादन 49.26 लाख क्विंटल हुआ है जबकि साल 2016-17 में 39 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ था। मंत्री ने बताया कि भविष्य में प्रदेश के करनाल, पानीपत, गोहाना, सोनीपत समेत दूसरी मिलों की पिराई क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए विभाग के अधिकारी योजना तैयार करने में जुटे हैं।