Edited By Isha, Updated: 28 Sep, 2019 10:32 AM
शहर के सरकारी अस्पताल में स्ट्रेचरों पर मरीजों की जगह सामान ढोया जा रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस वजह से यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों व तीमारदारों.......
अम्बाला शहर (मुकेश): शहर के सरकारी अस्पताल में स्ट्रेचरों पर मरीजों की जगह सामान ढोया जा रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस वजह से यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों व तीमारदारों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। वीरवार को अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया जब एक मरीज को ट्रामा सैंटर ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत पड़ी।
उसके परिजन स्ट्रैचर के लिए भटकते रहे लेकिन उन्हें जो स्ट्रेचर मिला उसका एक व्हील टूटा था जबकि दुरुस्त स्ट्रेचर पर अस्पतालकर्मी दिन में सामान ढोते नजर आए। टूटे स्ट्रेचर के कारण मरीज के साथ परिजनों को भी खासी परेशानियां झेलनी पड़ीं। उधर, क्षमता से अधिक सामान ढोने के कारण अस्पताल में रखे कई स्ट्रेचर खस्ताहाल होकर टूट रहे हैं जबकि अस्पताल में स्ट्रेचरों की व्यवस्था मरीजों को वार्डों में ले जाने और टैस्ट करवाने के लिए होती है मगर सरकारी अस्पताल में इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है।
इस वजह से लोग स्ट्रेचर के लिए भटकते रहते हैं मगर उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिलते हैं। कई बार तो मजबूरी में उन्हें मरीजों को पीठ पर ही उठाकर यहां से वहां ले जाना पड़ता है। व्यवस्था का पता होने के बावजूद अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसे में स्ट्रेचर अब सामान ढोने तक ही सीमित हो गए हैं।
मरीजों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा जबकि सरकार और विभाग स्ट्रेचरों को मरीजों की सुविधा के लिए खरीदती है। गौरतलब है कि रोजाना सरकारी अस्पताल में सैंकड़ों मरीजों की ओ.पी.डी. है और कई मरीज रोजाना विभिन्न वार्डों में भर्ती किए जाते हैं।