कोरोना महामारी में लाॅकडाउन का एक महीना पूरा, अनिल विज व उनकी टीम के लिए रहा चुनौती पूर्ण

Edited By vinod kumar, Updated: 26 Apr, 2020 05:43 PM

strong efforts of all departments continue due to vij dominance

कोरोना महामारी में लाॅकडाउन का एक महीना पूरा हो चूका है , जब बीजेपी-जेजीपी सरकार बनी थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था की इस मंत्रिमंडल को इस पारी में किसी महामारी के चलते मंत्रालयों की सार्थकता भी प्रमाणित करनी पड़ेगी।

चंडीगढ़(धरणी): कोरोना महामारी में लाॅकडाउन का एक महीना पूरा हो चूका है , जब बीजेपी-जेजीपी सरकार बनी थी तो किसी ने सोचा भी नहीं था की इस मंत्रिमंडल को इस पारी में किसी महामारी के चलते मंत्रालयों की सार्थकता भी प्रमाणित करनी पड़ेगी।

अनिल विज के विभागों गृह, निकाय, स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, तकनीकी शिक्षा के प्रमुखों व पूरी टीम की सार्थक और उपयोगी भूमिका में अहम रोल विज द्वारा लगातार की जा रही मीटिंग्स, वीसी, फोन पर दिशा निर्देशों को जाता है। विज का व्यक्तित्व जो दबदबे व एक्शन मोड़ का है, उसके चलते  भी विभाग के अधिकारी जवाबदेही से काम करते नजर आ रहें हैं।

सभी विभागों में अगर आपसी तालमेल न होता तो भी चूक होने की संभावना रहती। अनिल विज व उनकी टीम के लिए रहा चुनाैती पूर्ण, विज के दबदबे के चलते सभी विभागों के सशक्त प्रयास जारी हैं। पिछले वर्ष जब हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी दूसरी बार सत्ता में आई तो मंत्रियों के विभाग जब आंबटित किए गए तो प्राथमिक दृष्टि से नजर आया की मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तथा गृह विभाग बराबर तराजू में टोल कर आंबटित किए गए।

राजनैतिक रूप से गठबंधन में शामिल जेजीपी के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला खिन ज्यादा हावी न हो जाएं इसलिए राजनैतिक संतुलन के लिए बीजेपी के दिग्गज नेता अनिल विज को सामने कर दिया गया। चुनावों से पहले जेजीपी व बीजेपी एक दूसरे के प्रतिद्वंदी थे। अनिल विज व दुष्यंत चौटाला में 36 का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं था।

मंत्री मंडल आंबटन में दुष्यंत चौटाला को जहां उपमुख्यमंत्री का पद व 11 महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए। वहीं सत्ता के संतुलन के खेल में अनिल विज को गृह, निकाय, स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, तकनीकी शिक्षा जैसे मंत्रालय इसलिए दिए गए। ताकि शहरी मतदाता जो बीजेपी का वोट बैंक रहें हैं उन्हें संभाल कर रखा जाए। 

दुष्यंत को ज्यादातर ग्रामीण वोट बैंक पर आधारित विभागों की जिम्मेदारी दी गई । बीजेपी का प्रमुख रूप से यह मानना रहा की दुष्यंत ग्रामीण वोटरों व बीजेपी शहरी वोट बैंक को केंद्रित करके अगर लम्बा चलती है, तो भविष्य में मजबूत राजनीती यह गठबंधन दे सकेगा।

सत्ता के संतुलन के अंदर नियति ने कोरोना महामारी भी उस दौर में ला दी जब इस बीमारी से सीधे रूप से जूझ रहे 4 महत्वपूर्ण विभाग -गृह, स्वास्थ्य, निकाय व स्वास्थ्य अनिल विज के पास हैं। एक माह पहले जब लॉक डाउन किया गया तो अनिल विज ने भी इस चुनौती पूर्ण परिवेश में कड़ी मेहनत शुरू  की। एक माह में 4 महत्वपूर्ण विभाग गृह, स्वास्थ्य, निकाय व स्वास्थ्य विभागों ने सकारात्मक परिणाम भी दिए हैं। हरियाणा में कोरोना पीड़ितों की ठीक होने की रफ्तार से आंकड़े मुंह से बोल रहें हैं। 

हरियाणा उपचार, राहत, साेशल डिस्टेंसिंग रखने तथा कर्मचारियों को विशेष पैकेज देने में प्रथम राज्य बना। जिस विभाग तकनीकी शिक्षा को महामारी से जोड़ कर नहीं देखा जाता उसने भी कोरोना महामारी में सैनिटाइज करने के लिए टनल, जरुरी मास्क, हरियाणा के टेक्निकल एजुकेशन विभाग ने कोविड सैंपल कलेक्शन कियोस्क का निर्माण कर अपनी भूमिका निभाई |

हरियाणा पुलिस ने रोग को फैलने से रोकने के लिए लाॅकडाउन को सही हिसाब से कार्यंनिवांत करवाने बिना किसी अप्रिय घटना के सार्थक परिणाम दिए। पुलिस विभाग ने स्थानीय प्रशाशन एवं स्वयं सेवी संस्थाओं से मिल कर जरूरतमंदों को राशन, दवाइयां उपलब्ध करवाई। विभाग की चुस्ती बनाए रखने व सार्थक परिणाम देने के लिए अनिल विज की लगातार मॉनिटरिंग व संपर्क भी उपयोगी साबित हुआ | 

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