Edited By Deepak Paul, Updated: 07 Feb, 2019 01:37 PM
एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा गांगों को लेकर की गई हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की अनेक सेवाएं ठप हो चली हैं। वहीं सरकार की और एनएचएम कर्मचारियों की लड़ाई के बीच आम जनता को खासी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है। जी हां,...
रेवाड़ी(मोहिंद्र भारती): एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा गांगों को लेकर की गई हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की अनेक सेवाएं ठप हो चली हैं। वहीं सरकार की और एनएचएम कर्मचारियों की लड़ाई के बीच आम जनता को खासी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है। जी हां, प्रदेशभर के साथ रेवाड़ी में भी एनएचएम के 425 कर्मचारी काम छोड़ हड़ताल पर हैं, जिसके चलते एनएचएम से जुड़ी तमाम तरह की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो चली हैं। ऐसे में जहां निजी अस्पताल जमकर चांदी कूट रहे हैं, वहीं मरीजों की पेरशानी बढ़ना लाजमी है।
धरने पर बैठे कर्मचारियों की मानें तो वे कोई हड़ताली कर्मचारी नहीं हैं। अपने चरणबद्ध आंदोलन के तहत वे सरकार को जगाने के लिए अब तक वे हर तरह के हथकंडे अपना चुके हैं। यहां तक कि मिशन निदेशक से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन सरकार के कानों पर अभी तक जूं नहीं रेंगी, जिसके चलते उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
हड़ताल पर बैठे विभाग के अधिकारी ने बताया कि वे पिछले 20-20 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें जॉब सिञ्चयोरिटी नहीं मिली है। जहां तक कार्यवाही का सवाल है तो ऐसे बर्खस्तगी के आदेश सरकार की ओर से पहले भी आ चुके हैं, जिनसे वे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अब भी सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया तो उनकी यह हड़ताल अनिश्चितकाल में भी बदल सकती है, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।