कैश अवॉर्ड खत्म होने पर छलका खिलाडिय़ों का दर्द, 'इस नीति से खत्म हो जाएंगे खिलाड़ी'

Edited By Shivam, Updated: 13 Jun, 2018 11:46 PM

sportsmen will end up with the policy of end of cash award

हरियाणा प्रदेश के खिलाडिय़ों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियागिताओं में देश के लिए सर्वाधिक मैडल झटकने के लिए जाना जाता है। आखिर यहां के खिलाड़ी मैडल झटके भी क्यों न, क्योंकि हरियाणा को दूध दही खाने वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता है। बेहतर खाने...

भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा प्रदेश के खिलाडिय़ों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियागिताओं में देश के लिए सर्वाधिक मैडल झटकने के लिए जाना जाता है। आखिर यहां के खिलाड़ी मैडल झटके भी क्यों न, क्योंकि हरियाणा को दूध दही खाने वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता है। बेहतर खाने हरियाणा लोगों की सेहत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। लेकिन हरियाणा प्रदेश के खिलाडिय़ों का सर्वाधिक मैडल झटकने के पीछे एक दूसरा कारण भी रहा है, वह है हरियाणा प्रदेश की स्पोट्र्स पॉलिसी। जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में मैडल लाने वाले खिलाडिय़ों को करोड़ों रूपयों के कैश अवॉड दिए जाते रहे हैं। परन्तु अब हरियाणा सरकार ने जूनियर, सब जूनियर व यूथ कैटेगरी में अवॉर्ड पाने वाले खिलाडिय़ों को कैश अवॉर्ड देने से हाथ खींच लिए हैं।

स्पोट्र्स एंड फिजिकल फिटनेस पॉलिसी-2015 का हवाला देते हुए खेल विभाग हरियाणा ने बकायदा नोटिस निकालकर जूनियर, सब जूनियर व यूथ कैटेगरी के खिलाडिय़ों को कैश अवॉर्ड को लेकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों ने खेल विभाग के इस फैसले पर ऐतराज जताते हुए इसे खिलाडिय़ों को हतोत्साहित करने वाला निर्णय करार दिया है।

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मिनी क्यूबा के नाम से जाने जाने वाले भिवानी के राष्ट्रीय मुक्केबाज नुपुर श्योराण, रॉकी कुंडू व अंकित शर्मा ने बताया कि जूनियर व सब जूनियर खिलाड़ी ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मैडल लाते हैं। ऐसे में कैश अवॉर्ड न मिलने के फैसले से उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। खिलाडिय़ों ने कहा कि सेकेंड लाईनर खिलाडिय़ों के लिए कैश अवॉर्ड खत्म करना हरियाणा में खेल को खत्म करना होगा, क्योंकि प्रदेश के अधिकत्तर खिलाड़ी सामान्य परिवारों से आते हैं। उनके खेल किट व खुराक के लिए पैसा कैश अवॉर्ड से ही आता था।

 खिलाडिय़ों ने साफ कहा कि हरियाणा सरकार की अब तक की खेल नीति कैश अवॉर्ड के कारण ही सबसे बेहतर थी। जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी मैडल लेकर आएं। जूनियर खिलाडिय़ों के लिए कैश अवॉर्ड खत्म करने का निर्णय खिलाडिय़ों के लिए न केवल गलत फैसला होगा, बल्कि खेल की नींव को कमजोर करने वाला निर्णय साबित होगा।

भीम अवॉर्डी कोच संजय श्योराण ने बताया कि खेल विभाग के नए निर्णय से अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खास परिणाम नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी का आधार जूनियर व सब जूनियर अवार्डों से ही तैयार होता है। इनका कैश अवॉर्ड खत्म करने का मतलब हरियाणा में खेल का आधार खत्म करना है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के जूनियर व सब जूनियर खिलाडिय़ों को कैश अवॉर्ड मिलता रहा है। जबकि खेल विभाग ने हरियाणा स्पोट्र्स पॉलिसी 2015 का हवाला देकर कैश अवॉर्ड जूनियर वर्ग के लिए खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन जारी होने के पीछे खेल विभाग के उच्च अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी खेल जगत में खासी चर्चाएं है।

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