5 साल बाद मंत्रालय से फिर बाहर हुआ सोनीपत

Edited By Isha, Updated: 15 Nov, 2019 02:18 PM

sonipat again out of ministry after 5 years

सोनीपत को सरकार में एक बार फिर सांझेदारी के मामले में मायूसी हाथ लगी है। 5 साल बाद सोनीपत जिला मंत्रालय से बाहर हो गया है।  पहली बार सोनीपत से भाजपा के एक से ज्यादा विधायक चुने गए लेकिन

सोनीपत (दीक्षित): सोनीपत को सरकार में एक बार फिर सांझेदारी के मामले में मायूसी हाथ लगी है। 5 साल बाद सोनीपत जिला मंत्रालय से बाहर हो गया है।  पहली बार सोनीपत से भाजपा के एक से ज्यादा विधायक चुने गए लेकिन दोनों में से किसी को तवज्जो नहीं मिली।

माना जा रहा है कि पहली बार विधायक बने मोहन लाल बडौली व निर्मल चौधरी के रास्ते में अनुभवहीनता व गठबंधन आड़े आ गया। वर्ष 2014 के चुनाव में जिले से भाजपा की एकमात्र विधायक बनी कविता जैन को मंत्रालय में जगह देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। कविता जैन सोनीपत विधानसभा सीट से मंत्री बनने वाली पहली महिला थी। हालांकि जिले से उनसे पहले शांति राठी व कृष्णा गहलावत भी मंत्री बन चुकी हैं।

काफी ऊहापोह व असमंजस के बाद वीरवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। 6 विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जबकि 4 को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले सोनीपत जिले में इस बार भाजपा ने भले ही कविता जैन के रूप में शहर की सीट गंवा दी लेकिन जिले से भाजपा के 2 विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे।

गन्नौर से निर्मल चौधरी तो राई से मोहन लाल बडौली ने जीत दर्ज की थी। गोहाना से कांग्रेस के जगबीर मलिक, बरौदा से कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डïा व खरखौदा से कांग्रेस के जयबीर वाल्मीकि को हिलाने में भाजपा नाकाम रही। सोनीपत शहर में 10 साल बाद कांग्रेस ने वापसी करते हुए भाजपा की कैबिनेट मंत्री कविता जैन को पटखनी दी और सुरेंद्र पंवार विधायक बने।

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