ताक पर रखे पर्यावरण नियम, खड़े कर दिए गगनचुम्बी टावर!(VIDEO)

Edited By Isha, Updated: 31 Oct, 2019 12:31 PM

सोनीपत के सैक्टर-58 से 64 तक में निजी बिल्डरों ने जो गगनचुंबी टावर खड़े किए हैं, वे सब पर्यावरण मानकों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं। इन टावरों को बने वर्षों हो गए हैं, लेकिन आज तक भी न तो

सोनीपत (ब्यूरो): सोनीपत के सैक्टर-58 से 64 तक में निजी बिल्डरों ने जो गगनचुंबी टावर खड़े किए हैं, वे सब पर्यावरण मानकों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं। इन टावरों को बने वर्षों हो गए हैं, लेकिन आज तक भी न तो सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट नियमों के तहत ये टावर वैध पाए गए हैं और न ही वाटर (प्रिवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) नियम पर खरे उतरे हैं। खास बात यह है कि संबंधित सरकारी विभागों व अधिकारियों ने भी इन प्राइवेट बिल्डरों पर पूरी दरियादिली दिखाई और नियमों को पूरा करवाने के लिए जमकर ढिलाई दी।

इस पर कार्रवाई करते हुए सप्ताहभर पहले ही एन.जी.टी. (नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने ठोस कदम उठाते हुए यहां की 6 बिल्डर कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। यही नहीं, एन.जी.टी. ने इसकी पर्याप्त जांच के लिए एक टीम का गठन भी किया है, जिसमें अलग-अलग विशेषज्ञ विभागों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। एन.जी.टी. ने टावर कंपनियों को जुर्माने की रकम चुकाने के लिए करीब 4 माह का समय दिया है। यह राशि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी मानकों को पूरा करने पर खर्च की जाएगी। 

बता दें कि किसान उदय समिति, बढ़मलिक ने एन.जी.टी. को शिकायत दी थी कि हाईवे पर मौजूद निजी कंपनियों के टावरों से कूड़ा व दूषित पानी टैंकरों के जरिए खेतों या खुले मैदानों में डम्प किया जाता है, जिससे राई क्षेत्र में खतरनाक बीमारियां फैल रही हैं। यहां के गांव बढ़मलिक, रसोई, नांगल, अटेरना, पतला, जठेड़ी, राई, सबौली-नात्थूपुर सहित अनेक गांव ऐसे हैं, जहां पर लंबे समय से दूषित पानी के कारण कैंसर जैसी बीमारियां भी फैल रही हैं।

आसपास के उद्योगों के अलावा यहां की बिल्डर कंपनियों में भी धड़ल्ले से पर्यावरण नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। इस मामले में सुनवाई करते हुए एन.जी.टी. के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के अलावा जूडिशियल सदस्य जस्टिस एस.पी. वांगड़ी, जस्टिस के. रामाकृष्णन व एक्सपर्ट सदस्य जस्टिस डा. नगिन नंदा के पैनल ने सोनीपत के सैक्टर 58, 59, 60, 61, 62, 63 व 64 में बने बिल्डर टावरों पर जुर्माना लगाया है। एन.जी.टी. ने इन टावर कंपनियों पर 10 करोड़ से लेकर अढ़ाई करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया है और यह राशि जमा करवाने के लिए 4 माह का समय दिया है। यह राशि पर्यावरण मानकों को पूरा करने में खर्च की जाएगी। 

एन.जी.टी. ने मुख्य सचिव से मांगी थी रिपोर्ट 
एन.जी.टी. ने गत 6 मई पर हरियाणा के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। इस रिपोर्ट में सरकार से पूछा गया था कि उक्त टावरों में सोलिड वेस्ट मैनेजमैंट नियमों व वाटर (प्रिवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्यूशन) नियमों की अनुपालना हो रही है या नहीं। सरकार के सर्वे के आधार पर एन.जी.टी. को दी गई रिपोर्ट के आधार पर हैरान करने वाले खुलासे हुए। सैक्टर-58 से 64 तक में बने टावरों के लिए उक्त नियमों को ताक पर रखा गया है। निर्देशों के बावजूद इन सैक्टरों में बने टावरों ने वाटर ट्रीटमैंट व सीवरेज मैनेजमैंट के नियमों की पालना नहीं की। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!