Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 03:59 PM
ढींगरा आयोग के गठन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की याचिका पर आज हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया। डिविजन बेंच ने अपने फैसले में पाया कि हरियाणा सरकार ने जो आयोग का गठन किया वह सही है लेकिन आयोग ने हुड्डा को समन करने के लिए जो नोटिस जारी...
चंडीगढ़(धरणी): ढींगरा आयोग के गठन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की याचिका पर आज हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया। डिविजन बेंच ने अपने फैसले में पाया कि हरियाणा सरकार ने जो आयोग का गठन किया वह सही है लेकिन आयोग ने हुड्डा को समन करने के लिए जो नोटिस जारी किया था, जो नियमों के अनुसार सही नहीं है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक जज ने कहा कि कमीशन नए सिरे से हुड्डा को नोटिस जारी कर सकती है लेकिन दूसरे जज की राय है कि कमीशन की टर्म पूरी हो चुकी है वो अब नोटिस जारी नहीं कर सकता। दोनों जजो की राय अलग होने के बाद अब चीफ जस्टिस इस मामले को तीसरे जज के पास भेंजेगे। कोर्ट ने यह भी माना कि आयोग का गठन कानूनन सही है व जनहित के हित में। तीसरे जज के फैसले आने तक आयोग की जो रिपोर्ट सील बंद थी वह सील बन्द रहेगी। इसके बीच सरकार उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ड़ा ने आयोग के गठन को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। सिब्बल ने बहस में कहा था कि उनके मुवक्किल ने आयोग को गठन की प्रक्रिया व गठन के लिए कौन से ठोस तथ्य थे, इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत सरकार से कई बार मांगी, लेकिन सरकार जानकारी देने में विफल रही। सरकार ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान भी वे तथ्य कोर्ट में नही पेश किए।