Edited By Updated: 05 Mar, 2017 04:07 PM
पिछले दो दिन से मेवात में फैल रही अफवाह का असर शनिवार को हथीन के स्कूलों में भी देखने को मिला।
हथीन (पंकेस):पिछले दो दिन से मेवात में फैल रही अफवाह का असर शनिवार को हथीन के स्कूलों में भी देखने को मिला। विशेष तौर से हथीन से सटे हुए मेवाती गांवों के स्कूलों में तो सभी बच्चों को उनके अभिभावक अध्यापकों के लाख मना करने के बावजूद जबरन घरों को ले गए। मेवात जिला के गांवों में यह अफवाह फैली थी कि स्कूलों में बच्चों को जो इंजेक्शन और गोली दी जा रही हैं उनसे बच्चे नपुंसक हो रहे हैं। जिससे वहां के अभिभावकों में अफरातफरी मच गई और अपने अपने बच्चों को स्कूलों से घर ले आए। इतना ही नहीं बल्कि अनेक अभिभावकों ने तो यहां तक कह दिया कि हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे ही नहीं।
अभी इन अफवाहों का दौर मेवात में थमा भी नहीं है कि हथीन क्षेत्र में भी शनिवार को यह अफवाह फैल गई। अफवाह फैलते ही सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले मेव मुस्लिम बच्चों को उनके अभिभावक स्कूलों में जा-जाकर जबरन अपने घर ले आए। अफवाहों के बारे में संवाददाता ने जब हथीन से सटे मेवाती गांवों के स्कूलों का दौरा किया तो देखा कि गांव अंधरौला के जीपीएस स्कूल में एक भी बच्चा नहीं हैं। जीपीएस स्कूल के मुख्य अध्यापक हसन मोहम्मद और एक अध्यापक अली मोहम्मद ने बताया कि लोगों में अफवाह फैली हुई है।
इसी अफवाह के चलते लोग अपने अपने बच्चों को मना करने के बावजूद जबरदस्ती स्कूल से घर ले गए। उन्होंने बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व स्कूली बच्चों को पेट के कीड़े मारने की गोलियां खिलाई थी। उस समय भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। पहले हमने खुद गोलियां खाकर उन्हें दिखाया। इसके बावजूद बच्चों ने बड़ी मुश्किल से गोलियां खाईं थी। उन्होंने बताया कि केवल हमारे अंधरौला गांव के स्कूल के ही बच्चों को अभिभावक नहीं ले गए हैं, बल्कि आसपास के सभी गांवों जैसे गुराकसर, खिल्लूका, मलाई, रनियाला खुर्द, उटावड आदि स्कूलों का भी यहीं हाल है।