सोनीपत में लिंगानुपात में सुधार, 16 गांव ऐसे जिनमें आंकड़ा हजार के पार(VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 21 Feb, 2019 10:56 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों को बचाने को पढ़ाने का बीड़ा उठाया था और साल 2015 में हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की थी। सोनीपत जिले को देश के पहले 100 जिलों में शामिल किया गया था, जहां पर...

सोनीपत(पवन राठी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों को बचाने को पढ़ाने का बीड़ा उठाया था और साल 2015 में हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की थी। सोनीपत जिले को देश के पहले 100 जिलों में शामिल किया गया था, जहां पर बेटियों की जन्म दर सबसे खराब थी। जिले में उस समय 1 हजार बेटों पर 870 बेटियां थी।

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बेटियों को बचाने का जिम्मा उठाया और आज 4 साल के बाद सोनीपत में बेटियों की जन्म दर 870 से बढ़कर 937 जा पहुंची है, जिसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में सोनीपत जिले की तारीफ कर चुके हैं, पिछले साल झुंझनु में सोनीपत जिले को इसके लिए सम्मान भी दिया गया।

सोनीपत नागरिक हॉस्पिटल में सीएमओ जेएस पूनिया ने कहा कि जब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हुई तो उस समय सोनीपत जिले के हालात बेहद खराब थे, जिनके लिए जिम्मेदार था बेटियों को बोझ समझकर कोख में ही कत्ल करवा देना। अब 4 साल के प्रयास के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा, यूपी और दिल्ली में 60 रेड डाली जिसमें लिंग जांच और गर्भपात के अड्डों को सील कर आरोपियों को जेल भिजवाया। 

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने लोगों को भी खूब प्रभावित किया है, लोगों मे जागरूकता बढ़ रही है और अब वो खुल कर बात कर रहे कि बेटियां किसी भी मायने में बेटो से कम नही हैं। चाहे खेल की बात करे या शिक्षा की तो क्यों उन्हें जन्म लेने से रोका जाए, बेटियां अपने माँ- बाप की शान है।

सोनीपत में अब बेटियों की जन्म दर 937 पहुंच चुकी है। ग्रामीण इलाकों में 16 गांव में ऐसे है जहां पर बेटियों की जन्म दर 1 हजार से ज्यादा है। सोनीपत के पुरखास गांव में ये आंकड़ा 1037 पर पहुंचा है। जहां पर स्वास्थ्य विभाग सरकारी स्कूल की उन बच्चियों को डेढ़ लाख का चेक देकर सम्मानित किया, जिन्होंने 10वीं क्लास में पहला, दूसरा ओर तीसरा स्थान हासिल किया।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक सोच, लोगों में बढ़ती जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों ने सोनीपत में इस मुश्किल दिख रहे मुकाम को हासिल करने में सफलता हासिल की है, क्योंकि सभी जानते है बेटियां घर का मान और देश की शान है।

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