Edited By Punjab Kesari, Updated: 03 Sep, 2017 09:15 AM
भगवान मानकर हम डेरे में बाबा की सेवा करते थे। डेरे में पक्का साधु बनने के लिए रोजाना प्रबंधकों द्वारा ब्रेनन वाश किया जाता था।
फतेहाबाद (सुखराज सिंह):भगवान मानकर हम डेरे में बाबा की सेवा करते थे। डेरे में पक्का साधु बनने के लिए रोजाना प्रबंधकों द्वारा ब्रेनन वाश किया जाता था। पक्का साधु का मतलब नपुंसकता का आप्रेशन करवाना था। यह खुलासा किया डेरे के पूर्व साधु सिरसा निवासी गुरदास सिंह तूर ने। ऐसे कई और सनसनीखेज खुलासे गुरदास ने किए।
गुरदास तूर ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि उनका परिवार डेरे का अनुयायी था और 1996 में शिक्षा पूरी करने के लिए वह डेरे में साधु के तौर पर सेवा करने लगा। शुरूआत में उसकी ड्यूटी डेरे के विभिन्न भागों में लगती थी लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया तो उसकी ड्यूटी गुफा के आस-पास लगनी शुरू हो गई और बाबा गुरमीत राम रहीम से भी काफी निकटता होने लगी। इसी दौरान गुफा में से चीखों की आवाजें उन्हें सुनाई देती थीं।
उन्होंने आगे बताया कि एक दिन बाबा राम रहीम ने गुफा में बुलाया और उन्हें बताया कि वे गुफा में साध्वियों के साथ लोगों की चिट्ठियां पढ़ते हैं। चिट्ठियों में विभिन्न बातें लिखी होती हैं, जिसे पढ़कर साध्वियां हंसती थीं। बाबा का उन्हें अपनी गुफा में ले जाना तब तो उन्हें समझ नहीं आया था लेकिन बाद में समझ आया कि बाबा गुफा से निकलने वाली चीखों का स्पष्टीकरण किस तरह से देता था।
कत्ल की साजिश होता देख छोड़ा था डेरा
गुरदास तूर ने बताया कि 2002 में उन्होंने डेरे के लोगों से ही तसदीक करने की कोशिश की तो कई साध्वियों ने उनके साथ यौन शोषण होने की बात कही। पहले तो उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों की सहायता से गहनता से पड़ताल की तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई। इसी दौरान डेरे में एक कत्ल की साजिश रची जा रही थी तो उन्होंने एक डर के चलते डेरा छोड़ दिया।
अर्से तक नपुंसक बनाने के लिए डाला दबाव
गुरदास ने बताया कि 1998 के बाद जब काफी लोगों को नपुंसक बनाने की लिस्ट जारी हुई तो उसका नाम भी शामिल था। डेरे के प्रबंधकों द्वारा बे्रन वाश किया गया कि आप एक छोटा सा आप्रेशन करवा लोगे तो आपको मालिक सारी बरकतें बख्श देगा और आप अमर हो जाओगे लेकिन वह उनकी बात टालता रहा। इसी दौरान उसके कई साधु साथियों ने यह आप्रेशन करवा लिया था, जिसके बाद वह अक्सर अपनी दशा को देखकर रोया करते थे।
डेरे के प्रबंधक बचा रहे हैं हनीप्रीत को
गुरदास तूर ने दावा किया कि हनीप्रीत को डेरे के प्रबंधक कमेटी के सदस्य ही बचा रहे हैं, ताकि डेरे के राज राज ही रहें। हथियारों से लेकर अंग तस्करी व अन्य गैर-कानूनी गतिविधियां सबकी राजदार हनीप्रीत है। इसलिए उसे बचाया जा रहा है।