नई आबकारी नीति पर सैलजा का निशाना, ठेके बंद करने वालों ने ही किया घर-घर ठेके खोलने का इंतजाम

Edited By Isha, Updated: 23 Feb, 2020 01:53 PM

selja target on the new excise policy

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नई आबकारी नीति और ब्राह्मण परिवारों को मिली धौली की जमीन छीनने के फैसले पर हमला

चंडीगढ़ (धरणी)- हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नई आबकारी नीति और ब्राह्मण परिवारों को मिली धौली की जमीन छीनने के फैसले पर हमला बोलते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदेश में ठेके बंद करने की बात करते थे, उन्होंने ही आज घर-घर ठेके खोलने के इंतजाम कर दिए हैं।

दलितों के शराब ठेकों में 15 प्रतिशत कोटा खत्म करना, इस सरकार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है वहीं, उन्होंने कहा कि जिस धौली (दान) की जमीन का मालिकाना हक ब्राह्मण परिवारों को कांग्रेस सरकार ने दिया था, वह यह सरकार ब्राह्मण परिवारों से छीन रही है, यह बेहद ही निंदनीय है। यह बातें कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहीं।

प्रदेश पहले ही नशे की दलदल में फंसा
कुमारी सैलजा ने कहा कि हमारा प्रदेश पहले ही नशे की दलदल में फंसता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार का फैसला जिसमें शॉपिंग मॉल में शराब की बिक्री की छूट, बियर के दामों में कमी, रात एक बजे तक बार खोलने की अनुमति देना और घर में शराब की पेटियां रखने की छूट देना बताता है कि सरकार प्रदेश में नशे को बढावा देने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।  सरकार का असल मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शराब को आसानी से पहुंचाने और लोगों को इसके लिए ठेके तक जाने की परेशानी भी ना उठानी पड़े, इसके लिए है। यह बताता है कि सरकार प्रदेश में किस तरह से नशे को बढावा दे रही है।

चुनाव दौरान की थी शराबबंदी की बात
उन्होंने कहा कि इस सरकार में शामिल दल चुनाव में प्रदेश में शराबबंदी की बात करते थे, परंतु आज इन लोगों का असली चेहरा प्रदेश की जनता के सामने आ गया है। सरकार के इस फैसले के गंभीर परिणाम होंगे और प्रदेश का युवा जो पहले ही नशे के दलदल में फंसा जा रहा है वह और तेजी से नशे के दलदल में फंसेगा। अब घर-घर से शराब की सप्लाई होगी और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी इसका सीधा असर होगा कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की सरकार, इस सरकार में दलितों पर बार-बार अत्याचार हुआ। कभी उनके आरक्षण को खत्म करने की साजिश रची जाती है, कभी दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ बने कानून की सही तरीके से पैरवी नहीं की जाती, जिससे यह सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो जाता है। इस सरकार में 500 वर्ष पुराने रविदास मंदिर को तोड़ा जाता है। वहीं, अब दलितों के शराब ठेकों में 15 प्रतिशत कोटा खत्म करना, इस सरकार के दलित विरोधी चेहरे को एक बार फिर उजागर करता है।

सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ब्राह्मण विरोधी मानसिकता
वहीं, कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2011 में ब्राह्मण समेत कुछ अन्य जातियों को दिया गया धौली (दान) की जमीन का मालिकाना हक इस सरकार द्वारा छीनने पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इस सरकार का ब्राह्मण विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है। इस सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ब्राह्मण विरोधी मानसिकता कई बार उजागर हुई है। कभी हरियाणा चयन आयोग में ब्राह्मण विरोधी सवाल तो कभी मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ब्राह्मण नेता के सिर काटने की धमकी देना बताता है कि यह सरकार किस तरह ब्राह्मण विरोधी मानसिकता को रखती है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तो उस समय कांग्रेस ने कानून बना ब्राह्मण समुदाय के लोगों को धौली (दान) की जमीन का मालिकाना हक दिया गया था। इसके अंतर्गत 37,836 धौलेदार 14,187 एकड़ जमीन के मालिक बन गए थे। अब अपनी ब्राह्मण विरोधी मानसिकता के कारण इस सरकार ने इन लोगों की जमीन का मालिकाना हक छीनने का फैसला लिया है, जो कि बेहद ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन जनविरोधी फैसलों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से प्रदेश के लोगों के साथ खड़ी है और इन फैसलों का विधानसभा से लेकर जहां भी जरुरत होगी, कांग्रेस पार्टी द्वारा पुरजोर विरोध किया जाएगा।

 

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