Edited By Isha, Updated: 03 Jan, 2020 01:08 PM
संजय अरोड़ा हरियाणा में पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा दिए जाने को लेकर बेशक सरकार की ओर से कई बार स्थिति साफ करने की कोशिश जा चुकी है मगर गाहे-बगाहे यह मुद्दा राजनीतिक गलियारे
डेस्क(संजय अरोड़ा)- हरियाणा में पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा दिए जाने को लेकर बेशक सरकार की ओर से कई बार स्थिति साफ करने की कोशिश जा चुकी है मगर गाहे-बगाहे यह मुद्दा राजनीतिक गलियारे से छूता हुआ आमजन के बीच भी चर्चा का विषय बन जाता है।
अब एक बार फिर इस मसले को लेकर सियासी चिंगारी उस वक्त सुलगती हुई नजर आई जब पंजाब के संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने हरियाणा में तेलगु को पंजाबी भाषा की जगह दूसरी भाषा का सरकार द्वारा दर्जा दिए जाने के प्रयासों की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि यदि पंजाबी भाषा के साथ हरियाणा में ’यादती हुई तो वे इस मसले को लोकसभा में उठाएंगे। जबकि दूसरी ओर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में आधिकारिक तौर पर पंजाबी को ही दूसरी भाषा का दर्जा हासिल है और यह दर्जा बरकरार रहेगा।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले यह चर्चा चल पड़ी थी कि हरियाणा में पंजाबी की जगह तेलगू भाषा को आधिकारिक तौर पर दूसरी भाषा का दर्जा दिया जा सकता है। यही नहीं इन चर्चाओं में यह बात भी कही जाने लगी कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कुछ स्कूलों का भी चयन कर लिया गया है, जिनमें विद्याॢथयों को तेलगू भाषा पढ़ाई जाएगी। मगर सरकार की ओर से कहीं भी ऐसा संकेत नहीं दिया गया कि तेलगू दूसरी भाषा हो सकती है।
दरअसल, तेलगू को दूसरी भाषा का दर्जा दिए जाने की चर्चाएं उस वक्त गर्म हुई जब हरियाणा व तेलंगाना के बीच दोनों रा’यों की संस्कृति को मजबूत करने के लिए ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत एम.ओ.यू. साइन करने की बात कही गई। इस दौरान हरियाणा सरकार की ओर से यह संकेत अवश्य दिया गया था कि हरियाणा के दो जिलों गुरुग्राम व फरीदाबाद में तेलंगाना रा’य के काफी लोग रहते हैं, उनके ब"ाों को मातृ भाषा सिखाना सरकार का लक्ष्य है, मगर सरकार के इस संकेत को दूसरी भाषा के साथ जोडऩे से यह मुद्दा गर्मा गया और धीरे धीरे भाषा के इस मुद्दे पर राजनीतिक रंग भी चढऩा शुरू हो गया।
कई सियासी दलों के नेताओं ने पंजाबी की जगह हरियाणा में तेलगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा दिए जाने के सरकारी प्रयासों की आलोचना शुरू कर दी जबकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पहले भी इस तरह की चर्चाओं को निराधार बताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि हरियाणा में पंजाबी ही दूसरी आधिकारिक भाषा है और रहेगी मगर मंगलवार को पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान द्वारा भाषा के इस मुद्दे पर तीखे तेवर दिखाए जाने से मामला एक बार फिर गर्मा गया।
पंजाबी ही है दूसरी भाषा और रहेगी : गुर्जर
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि कुछ लोग बिना वजह भाषा के इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं जबकि वास्तविकता ये है कि हरियाणा में वर्तमान में आधिकारिक तौर पर पंजाबी को ही दूसरी भाषा दर्जा हासिल है और रहेगा भी। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तेलंगाना के निवासी रहते हैं और उनके ब"ाों को उनकी मातृभाषा तेलगू सीखने में दिक्कत महसूस होती है, ऐसे में सरकार ने उनकी सुविधा के लिए यह फैसला जरूर लिया था कि जो ब"ो तेलगू पढऩा चाहेंगे उनके लिए सरकार ब"ाों की संख्या के आधार पर उन स्कूलों में तेलगू भाषा के शिक्षक उपलब्ध करवा देगी। मगर इसका अर्थ ये नहीं था कि तेलगू का दूसरी भाषा का दर्जा दिया जा रहा है।