Edited By vinod kumar, Updated: 11 Dec, 2019 03:41 PM
युद्धक विमान राफेल के लिए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन तैयार हो रहा है। राफेल के लिए एयरफोर्स स्टेशन के आसपास लगभग 51 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके लिए वायुसेना के अधिकारी राफेल के अंबाला में आने से पहले इस जमीन की तलाश में जुट गए हैं। इसके लिए एयरफोर्स...
अंबाला: युद्धक विमान राफेल के लिए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन तैयार हो रहा है। राफेल के लिए एयरफोर्स स्टेशन के आसपास लगभग 51 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके लिए वायुसेना के अधिकारी राफेल के अंबाला में आने से पहले इस जमीन की तलाश में जुट गए हैं। इसके लिए एयरफोर्स और सेना के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जा चुकी है, जो एयरफोर्स स्टेशन के साथ लगती जमीनों को चिन्हित कर रही है।
राफेल के लिए एयरफोर्स स्टेशन के पास मिलिट्री डेयरी फार्म की सैकड़ों एकड़ जमीन पड़ी है। बोर्ड ने मिलिट्री डेयरी फार्म की जमीन में से 51 एकड़ जमीन चिन्हित कर रक्षा मंत्रालय को जानकारी दी है। अब यह फैसला पर रक्षा मंत्रालय करेगा कि थल सेना की इस जमीन को वायुसेना को ट्रांसफर करना है नहीं।
बता दें कि फिलहाल अंबाला एयरफोर्स में एक ही राफेल की तैनाती होगी, जिसके लिए एयरफोर्स स्टेशन के भीतर आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। लगभग सवा सौ करोड़ रुपये का टेंडर एक कंपनी को दिया जा चुका है, जबकि अन्य ढांचों को लेकर भी काम चल रहा है।
इस दौरान एयरफोर्स के अधिकारियों को महसूस हुआ कि राफेल के लिए कुछ और जगह की जरूरत पड़ेगी, तो उन्होंने रक्षा मंत्रालय से पत्राचार किया, जिसके बाद सेना और एयरफोर्स के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई, जिसने एयरफोर्स के आसपास खाली जमीन की तलाश शुरू की। एयरफोर्स के साथ सिविल एरिया भी काफी है, लेकिन वहीं की जमीन लेने पर अधिग्रहण को लेकर लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता। इसलिए कमेटी ने सेना की ही खाली जमीन को प्राथमिकता दी।
स्क्वाड्रन-17 संभालेगी कमान
अंबाला में एयरफोर्स की स्क्वाड्रन-17 राफेल की कमान संभालेगी। करगिल युद्ध के समय (1999 में) पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने गोल्डन ऐरोज-17 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। बठिंडा वायु सेना केंद्र से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था। उस दौरान वायु सेना ने रूस निर्मित मिग 21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू किया था। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गई थी और शुरू में इसने हैविलैंड वैंपायर एफ एमके 52 लड़ाकू विमानों की उड़ानों को संचालित किया था।
अंबाला समेत हाशीमारा एयरबेस पर होगी तैनाती
राफेल विमानों के लिए अंबाला पश्चिम बंगाल के हाशीमारा एयरबेस को चुना गया है। दोनों ही एयरबेस पर राफेल के एक-एक स्क्वाड्रन तैनात होंगे। इसके लिए 17 नंबर स्क्वाड्रन को चुना गया है। ये दोनों ही एयरबेस काफी महत्वपूर्ण हैं।
जामनगर के बाद अंबाला पहुंचेगा राफेल़ें
राफेल विमान ओमान से ईंधन भरने के बाद सीधे गुजरात के जामनगर के लिए उड़ान भरेंगे। वहां से औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राफेल अंबाला एयरबेस लाए जाएंगे।
इसलिए अंबाला में तैनाती
अंबाला एयरबेस रणनीतिक लिहाज से काफी अहम है। यह पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। यहां अभी दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। पहला जगुआर कॉम्बैट और दूसरी मिग-21 बाइसन। मिग-21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे। राफेल की तैनाती से पाकिस्तान पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी।