पूर्व विधायक रेलु राम पूनिया सहित आठ परिजनों का हत्यारा संजीव फरार

Edited By Shivam, Updated: 12 Jun, 2018 08:50 PM

sanjiv killer of eight people including former mla reluram absconded

23 अगस्त 2001 को बरवाला के विधायक रहे गांव प्रभुवाला वासी रेलु राम पुनिया की व परिवार के अन्य सात सदस्यों में बच्चों की बेरहमी से हत्या करने वाले हत्यारे संजीव कुमार के फरार होने से रेलुराम का परिवार सहमा हुआ है। परिजनों ने जान का खतरा बताते हुए...

उकलाना(पासा राम): 23 अगस्त 2001 को बरवाला के विधायक रहे गांव प्रभुवाला वासी रेलु राम पुनिया की व परिवार के अन्य सात सदस्यों में बच्चों की बेरहमी से हत्या करने वाले हत्यारे संजीव कुमार के फरार होने से रेलुराम का परिवार सहमा हुआ है। परिजनों ने जान का खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की है। लेकिन अभी तक उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। जिस कारण परिवार के सदस्यों में अब भय का माहौल बना हुआ है।

2001 में की थी परिवार के ही 8 सदस्यों की हत्या
23 अगस्त 2001 की रात को वह घटना घटी जिसके बारे में शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की हो। किसी को नहीं पता था कि इस रात को बरवाला हलके के विधायक रेलुराम के पूरे परिवार का नरसंहार होगा। इस नरसंहार में रेलुराम सहित परिवार के सभी 8 सदस्यों को उसकी अपनी पुत्री सोनिया तथा दामाद संजीव ने मौत के घाट उतार दिया था।

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रेलु राम के भतीजे जितेंद्र पूनिया बताया कि 23 अगस्त 2001 को रेलुराम पूनिया की पुत्री सोनिया जो सहारनपुर में विवाहित थी। अपने पति संजीव को लेकर लितानी मोड़ स्थित कोठी पर पहुंची। वह अपने साथ अपनी छोटी बहन प्रियंका जो हिसार में 10वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी, को भी अपने साथ ले आई। रात्रि को सोनिया व संजीव ने मिलकर अपने पिता विधायक रेलुराम पूनियां, मां कृष्णा पूनियां, भाई सुनील, भाभी शंकुतला, बहन प्रियंका, भतीजे लोकेश, भतीजी शिवानी, प्रीति सहित सभी 8 लोगों को बारी-बारी से लोहे की राड मारकर हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि अपने ही परिवार के 8 लोगों को जमीन-जायदाद हथियान के लालच में मारने के आरोप में सोनिया व उसके पति संजीव को हिसार की अदालत ने 31 मई 2004 को फांसी की सजा सुनाई। उसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां पर सोनिया व संजीव को कुछ राहत मिली और 12 अप्रैल 2005 को फांसी को उम्रकैद में बदल दिया गया। उसके बाद मामला आखिर तक सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने भी 15 फरवरी 2007 में दोनों को दोषी ठहराया और उन्हें फांसी देने की सजा सुनाई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने संजीव व सोनिया की फांसी को उम्र कैद में बदल दिया गया था।

पैरोल के बाद फरार हुआ हत्यारोपी संजीव
रेलू राम के परिवार का हत्यारोपी संजीव कुरुक्षेत्र की जेल में बंद था। उसने मई में 14 दिनों के लिए पैरोल ली थी और 31 मई को वापस जेल जाना था। लेकिन वह फरार हो गया। जिसके बाद पुलिस उसे तलाश कर रही है।

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रेलु राम पूनिया के परिजनों ने संजीव व आंतकवादियों से बताया खतरा
रेलु राम पूनिया के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बताया कि उन्हें आज अखबार पढऩे के बाद पता लगा कि हत्यारोपी संजीव फरार हो चुका है। 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। अब उन्हें व उनके पूरे परिवार को संजीव व आतंकवादियों से जान का खतरा बना हुआ है। उन्हें न तो पुलिस सुरक्षा मिल पाई है और न ही उनके असले के लाईसैंस बन पाए हैं। पुलिस सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई गई है।

संजीव के आतंकवादियों से संबंध
रेलु राम पूनिया की भतीजी रोजी ने कहा कि हत्यारोपी संजीव के आतंकवादियों से संबंध हैं। वह जेल से फरार होने का पहले भी प्रयास कर चुका था। अब पैरोल लेकर फरार हो गया। हमें अब जान का खतरा बन गया है।

सोमवार को कोठी के पास देखे गए संदिग्ध
रोजी ने बताया कि सोमवार रात्रि को उनकी कोठी के आस-पास 4-5 संदिग्ध लोग देखे गए। जब उनके कुत्ते भौंक रहे थे तो उनकी नींद खुली तो उन्होंने जोर जोर से आवाज दी तो संदिग्ध लोग वहां से भाग गए।

फर्जी जमानती देकर ली थी पैरोल
रोजी ने बताया कि हत्यारोपी संजीव ने मई माह में फर्जी जमानती देकर पैरोल ली थी और उसका फायदा उठाकर वह अब फरार हो गया। इसकी भी पूरी जांच की जानी चाहिए।

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