Edited By Deepak Paul, Updated: 20 Feb, 2019 11:05 AM
म्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद जवानों के पक्ष में देशवासियों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण दिल्ली से लाहौर जाने वाली सदा-ए-सरहद बस को रोकने के लिए हाईवे पर उतर आए थे लेकिन बस नहीं आई, जिसकी...
राई: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद जवानों के पक्ष में देशवासियों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण दिल्ली से लाहौर जाने वाली सदा-ए-सरहद बस को रोकने के लिए हाईवे पर उतर आए थे लेकिन बस नहीं आई, जिसकी वजह से ग्रामीण वापस लौट गए। मंगलवार शाम को ग्रामीण एक बार फिर बढख़ालसा मैमोरियल के पास एकत्रित हुए। ग्रामीणों व युवाओं के रोष को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल नैशनल हाईवे-1 के दोनों तरफ तैनात कर दिया गया। वहीं बस के रूट को भी डार्यवर्ट कर दिया गया ताकि बस को जाने में कोई परेशानी न आए। इस दौरान करीब 4 युवाओं को हिरासत में भी लिया गया।
हिरासत से खफा युवाओं ने नारेबाजी की। करीब 1 घंटे के उपरांत हिरासत में लिए युवाओं को छोड़ दिया गया। गौरतलब है कि रविवार को बढख़ालसा मैमोरियल में एक बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लाहौर जाने वाली बस से पाकिस्तान का झंडा उतारकर जलाया जाएगा। भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र बढख़ालसा ने कहा कि पाकिस्तान का झंडा लगी बस का भारत से गुजरना उनके जख्मों पर नमक डालने का कार्य करता है।
इसलिए सरकार से मांग करते है कि तुरंत प्रभाव से बस को रोका जाए। हालांकि जल्द ही एक महापंचायत बुलाकर आगामी निर्णय लिया जाएगा। युवाओं के आक्रोश को भांपते हुए व सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए बस को मुरथल-सोनीपत-राठधाना रोड, सफियाबाद नरेला से बस को ले जाया गया। हालांकि अन्य दिनों में बस को एन.एच.-1 से बहालगढ़ राई से होते हुए नरेला दिल्ली ले जाया जाता था।