कुंडली मारकर बैठे सीनियर डाक्टरों की कुर्सी जाना लगभग तय, PGIMS में रोटरेरीशिप नियम लागू

Edited By Isha, Updated: 21 Sep, 2019 04:17 PM

rotaryship rules implemented in pgims governor approved

पंडित भगवत दयाल शर्मा साइंस विज्ञान विश्वविद्यालय (पी.जी.आई.एम.एस.) के सभी विभागों में अब कई सालों से हैड आफ द डिपार्टमैंट (एच.ओ.डी.) की कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे सीनियर

रोहतक (कोचर): पंडित भगवत दयाल शर्मा साइंस विज्ञान विश्वविद्यालय (पी.जी.आई.एम.एस.) के सभी विभागों में अब कई सालों से हैड आफ द डिपार्टमैंट (एच.ओ.डी.) की कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे सीनियर डाक्टरों की कुर्सी जाना लगभग तय हो गया है क्योंकि पी.जी.आई.एम.एस. में अब रोटरेरीशिप नियम लागू करने के लिए राज्यपाल ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के बाद गवर्नर हाऊस से यूनिवॢसटी के कुलपति को पत्र भी भेज दिया गया है। वहीं यह नियम लागू होने के साथ ही पी.जी.आई.एम.एस. में कुर्सी जाने के डर से सीनियर डाक्टरों ने इस नियम का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा अब यूनिवॢसटी में सालों से जमे बैठे प्रिंसीपलों को बदलने के लिए भी अंदरखाते बगावत शुरू हो गई है।

गौरतलब है कि पी.जी.आई.एम.एस. के सभी विभागों में एच.ओ.डी. के पदों पर पिछले कई सालों से सीनियर अधिकारी अपना कब्जा किए हुए हैं जबकि नियमानुसार 3 साल बाद रोटरेरीशिप नियम के मुताबिक एच.ओ.डी. को बदलना होता है ताकि उनके बाद किसी अन्य डाक्टर को प्रोमोट होकर एच.ओ.डी. बनने का मौका मिल सके। 

इसके लिए खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी 9 मई 2018 को यह नियम लागू करने के लिए हैल्थ यूनिवॢसटी के कुलपति को दिशा-निर्देश जारी किए थे लेकिन अधिकारियों ने विज के आदेशों को भी अनदेखा कर दिया था। इसके बाद पंजाब केसरी ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, वहीं अब बीती 9 सितम्बर को पी.जी.आई.एम.एस. की एग्जीक्यूटिव काऊंसिल (ई.सी.) की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था और इसे पास कर दिया गया था। यह फाइल 11 सितम्बर को चंडीगढ़ गवर्नर हाऊस में भेजी गई थी और वहां से 18 सितम्बर को इस नियम को लागू करने के लिए राज्यपाल ने लिखित में मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब सभी विभागों के ऐसे एच.ओ.डी. 3 साल या इससे अधिक सालों से एक ही जमा बैठे हैं उन्हें उनकी सीटों से बदला जाएगा। वहीं जिनके 3 साल पूरे नहीं हुए हैं, उन्हें समय पूरा करने दिया जाएगा।

इन डाक्टरों की जा सकती है सीट
सूत्रों के मुताबिक हैल्थ यूनिवॢसटी के डा. राजीव गुप्ता, फार्मा से डा. महेश गुप्ता, डा. आर.सी. सिवाच, डा. आर.के. कडवासरा, डा. एस.के. धत्तरवाल, डा. वी.के. सिंह, डा. सिम्मी खर्ब, डा. वी.के. ढुल, डा. सुशीला तक्षक, डा. मनु राठी, डा. ज्योति यादव, डा. सुरभि दयाल, डा. धारा धोलखंड़ी, डा. गीता गठवाला समेत अन्य कई सीनियर एच.ओ.डी. डाक्टरों की सीट जाना लगभग तय हो गया है। इसी कारण यह डाक्टर अब कोर्ट में जाने की तैयारी कर हैं लेकिन इनके कोर्ट में जाने से पूर्व ही प्रशासनिक अधिकारी कैविएट लगवा चुके हंै। ऐसे में अब अगर यह डाक्टर कोर्ट से स्टे लेना चाहेंगे तो कैविएट लगने के कारण पी.जी.आई.एम.एस. के अधिकारियों का भी कोर्ट में पक्ष रखा जाएगा और उसके बाद ही उन्हें स्टे मिल सकता है अन्यथा नहीं।

15 सालों से जमे हैं डैंटल कालेज के प्रिंसीपलों
एच.ओ.डी. के साथ-साथ हैल्थ यूनिवॢसटी में फार्मेसी और डैंटल पी.जी. कालेज के प्रिंसीपलों पदों पर भी पिछले कई सालों से केवल 2 ही सीनियर डाक्टर जमे हुए बैठे हंै। डैंटल कालेज के पिं्रसीपल को करीब 15 साल हो चुके हैं जिसमें उन्होंने एक से डेढ़ साल तक प्रशासनिक विभाग में भी कार्य किया। वहीं फार्मेसी कालेज में भी पिं्रसीपल को कई साल हो चुके हैं और लंबे समय से उनकी जगह अभी तक कोई दूसरा पिं्रसीपल नहीं आया है। इसी कारण अब एच.ओ.डी. बदलने के बाद इन दोनों कालेजों के स्टाफ ने पिं्रसीपलों को भी बदलने के लिए अंदरखाते बगावत करनी शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में दोनों कालेजों के डाक्टर व स्टाफ स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात करके उन्हें इस बारे में अवगत करवाने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। 

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