फिर सड़कों पर उतरेंगे रोडवेज कर्मचारी, 3 जून को करेंगे परिवहन मंत्री कैंप कार्यालय का घेराव

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 29 May, 2018 11:09 AM

roadways employees transport minister camp office

हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी फिर से परिवहन मंत्री के घेराव की तैयारी कर चुके हैं। अपनी 32 सूत्रीय मांगों पर कई स्तर की बैठक पर मिले आश्वासन के बाद भी मंजूरी न मिलने के चलते कर्मचारी 3 जून को परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के कैंप कार्यालय का घेराव करने...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के रोडवेज कर्मचारी फिर से परिवहन मंत्री के घेराव की तैयारी कर चुके हैं। अपनी 32 सूत्रीय मांगों पर कई स्तर की बैठक पर मिले आश्वासन के बाद भी मंजूरी न मिलने के चलते कर्मचारी 3 जून को परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के कैंप कार्यालय का घेराव करने जा रहे हैं। घेराव को सफल बनाने को लेकर हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन और रोडवेज कर्मचारी यूनियन की तरफ से पांच टीमें बनाई गई है। पांचों टीमें हरियाणा के अलग-अलग जिलों में रोडवेज कर्मचारियों से मीटिंग कर उन्हें घेराव को लेकर एकजुट करने में जुटी हैं। इसी को लेकर चंडीगढ़ डिपो में भी हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के प्रदेश प्रधान इंदर सिंह बधाना पहुंचे। 

बधाना ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से तुगलकी फैसलों के चलते कर्मचरियों में रोष है। बैठक में लिए गए फैसलों को निरस्त किए जाने और अपने 32 सूत्रीय मांगों को लेकर परिवहन मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। बधाना ने चेतावनी देते हुए कहा कि परिवहन मंत्री के आवास के घेराव के बाद भी सरकार नहीं जागी तो मुख्यमंत्री के आवास के घेराव और चक्का जाम की भी घोषणा की जाएगी।

हाल ही लिए गए फैसलों से कर्मचारी काफी नाराज है डीपो से 5:30 बजे से पहले बस नहीं चलाने के फैसले को कर्मचारी नेता तुगलकी फैसला बताते नजर आ रहे हैं।  बधाना ने कहा कि सीओस बैठक में जो फैसले लिए गए है वो कर्मचारियों को परेशान करने वाले और जनता को भी नुकसान पहुंचाने वाले है। बीजेपी ने घोषणा पत्र में 1 हजार नई बसें हर वर्ष बेड़े में शामिल करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी जनसँख्या के आधार पर बसें मुहैया करवाने का आदेश दे चुका है मगर सरकार फैसले को नहीं मान रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार हरियाणा में जनसंख्या के आधार पर18 हजार बसें होनी चाहिए और अभी भी 14 हजार नई बसों की जरूरत है। मिनी बसों को चलाने का प्रयोग पहले भी हो चुका है जो सफल नहीं रहा था। अब सरकार फिर 150 मिनी बसें चलाने जा रही है। 

बधाना ने कहा कि कर्मचारियों की तरफ से सरकार से कई बैठक कर 32 सूत्रीय मांग पत्र पर सहमति बनने के बाद भी मांगों को लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर 3 जून को परिवहन मंत्री के कैम्प ऑफिस का किया जाएगा घेराव । उसके बाद भी सरकार नहीं जागी तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव ओर चक्का जाम का भी फैसला लिया जाएगा। घेराव के लिए 5 टीमें  प्रदेश भर का दौरा कर रही है सभी डिपो पर जाकर कर्मचारियों को एक जुट करने का प्रयास किया जा रहा है।

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