1500 करोड़ के केएमपी पर 15 जगह धंस गई सड़क, कभी हो सकता है बड़ा हादसा

Edited By Shivam, Updated: 14 Aug, 2020 09:04 PM

roads sunk at 15 places on kmp of 1500 crores

केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रैस वे को देश का नम्बर वन एक्सप्रैस वे मानकर यदि फर्राटा भर रहे हैं तो सीधा मौत को आमंत्रण है। यहां इस सरपट सड़क मार्ग पर निश्चिंत होकर ड्राइविंग करना खतरे से खाली कतई नहीं है। वीरवार को हुई तेज बारिश के बाद सोनीपत...

सोनीपत (दीक्षित): केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रैस वे को देश का नम्बर वन एक्सप्रैस वे मानकर यदि फर्राटा भर रहे हैं तो सीधा मौत को आमंत्रण है। यहां इस सरपट सड़क मार्ग पर निश्चिंत होकर ड्राइविंग करना खतरे से खाली कतई नहीं है। वीरवार को हुई तेज बारिश के बाद सोनीपत में राई के पास से केएमपी करीब 15 जगह से धंस गया है। सड़क में गहरे गड्ढे बन गए हैं। कई बार हादसे होते होते बचे हैं, लेकिन एनएचएआई ने इसकी सुध अभी तक भी नहीं ली है। 

हालात यह है कि 1500 करोड़ के के.एम.पी. पर हर 500 मीटर पर एक बड़ा गहरा गड्ढा बन गया है, जिसमें वाहन पूरा समा सकता है। कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे की हालत बदतर होती जा रही है। सड़क का लेवल सही नहीं है और इसके किनारों को थामने के लिए लगाई मिट्टी भी भरभरा कर ढहने लगी है, जिससे साफ है कि केएमपी के निर्माण में भारी लापरवाही बरती गई है। बारिश के कारण अब सड़क साइडों से मिट्टी धंस चुकी है और सड़कों में गहरे गड्ढे हो चुके हैं।

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सवा 2 साल पहले 1500 करोड़ से ज्यादा खर्च करके बनाए गए केएमपी का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी से कराया गया था। उसके बाद से अधिकारी इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहे। केएमपी का पत्थर 2003 में हरियाणा के तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला ने लगाया था। 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने दोबारा से केजीपी के साथ इसका शिलान्यास किया था। इसको पलवल से मानेसर तक वर्ष 2016 में शुरू कर दिया गया था, लेकिन मानसेर से कुंडली तक 19 नवंबर 2018 को शुरू किया गया है।

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यह एक्सप्रेस वे सोनीपत में कुंडली से शुरू होकर दिल्ली के चक्कर लगाते हुए खरखौदा, बहादुरगढ़, मानेसर, सोहना से होते हुए पलवल में खत्म होता है, जिसपर 1500 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए गए हैं। इसका 19 नवंबर, 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करते ही वाहनों का आवागमन शुरू हो गया था। हाईवे पर आसपास के गांवों के लोगों को निकलने के लिए पुलिया बनाई गई है, लेकिन पुलिया बनाते हुए वहां पर लेवल सही नहीं लिया गया। इसके साथ ही केएमपी पर जगह-जगह मिट्टी धंसने से गड्ढे हो गए हैं। इस कारण ही वाहन चालकों की जान को खतरा बना हुआ है। एक्सप्रेस-वे पर पुलिया के ऊपर या गड्ढे में वाहन चालक अचानक ब्रेक लगाते हैं और उससे वाहन भिड़ जाते हैं। मुख्य टोल प्लाजा के पास भी हादसा होने का भय बना रहता है। एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन 70 से 80 हजार लोग आवागमन करते हैं। अब वाहन चालक टोल प्लाजा पर सड़क की शिकायत करके आगे निकल रहे हैं।

लगातार हादसों में लोग हो रहे घायल
एक्सप्रेस-वे के टूटने व कुंडली से मानेसर तक करीब 22 पुलिया हैं, जहां लेवल सही नहीं होने पर कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। केएमपी पर करीब कारों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है। ऐेसे में गड्ढों के कारण हादसों का डर रहता है। अब तो हालात यह है कि किसी भी समय कोई वाहन यहां बने गहरे गड्ढों के कारण पाताल में समा सकता है।

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